जेनिथ लेजर हॉलिडेज से 36 लाख की साइबर ठगी, तीन आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की साइबर क्राइम इकाई ने जेनिथ लेजर हॉलिडेज लिमिटेड से 36 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कंपनी के दो पूर्व कर्मचारी 45 वर्षीय संजय शर्मा और 32 वर्षीय चंद्रकांत तथा एक रजिस्टर्ड डिस्ट्रीब्यूटर 32 वर्षीय सौरभ जैन शामिल हैं। पुलिस ने इस बड़े पैमाने पर डिजिटल धोखाधड़ी की जांच के दौरान चार मोबाइल फोन, डेटा डिवाइस, आईपी लॉग, ईमेल आईडी और लॉगिन क्रेडेंशियल्स सहित महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं।

सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी निधिन वाल्सन ने बताया कि जेनिथ लेजर हॉलिडेज ने बीते 28 मई को साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें बताया गया कि कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से 36 लाख रुपये की अनधिकृत वॉलेट ट्रांजेक्शन की गई, जबकि कंपनी के आधिकारिक बैंक खाते में कोई जमा राशि नहीं थी। कंपनी के नियमों के अनुसार, रिटेलर्स व डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा बैंक में जमा राशि की पुष्टि के बाद ही वॉलेट क्रेडिट की अनुमति होती है, लेकिन इस मामले में सिस्टम को आंतरिक प्रशासनिक स्तर के एक्सेस का दुरुपयोग कर बायपास किया गया। शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस स्टेशन में धारा 420 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

मामले की जटिलता को देखते हुए एसीपी सुरेश खूंगा की देखरेख में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया, जिसमें इंस्पेक्टर संदीप पंवार, सब-इंस्पेक्टर रविंदर, हेड कांस्टेबल जयकिशन, हेड कांस्टेबल दीपक और कांस्टेबल हरविंदर शामिल थे। जांच के दौरान पता चला कि 36 लाख रुपये की तीन अनधिकृत ट्रांजेक्शन बिना किसी वैध जमा राशि के की गई थीं। साइबर फुटप्रिंट्स की तकनीकी जांच में धोखाधड़ी का रास्ता सौरभ जैन के डिस्ट्रीब्यूटरशिप से जुड़े रिटेलर आईडी तक पहुंचा, जिसमें पूरी राशि ट्रांसफर की गई थी।

डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार सौरभ जैन ने पूछताछ में बताया कि उसे कंपनी के पूर्व कर्मचारियों संजय शर्मा और चंद्रकांत ने मोटी रकम का लालच देकर इस धोखाधड़ी में शामिल किया। दोनों पूर्व कर्मचारियों ने कथित तौर पर वेतन बकाया न मिलने की नाराजगी के चलते कंपनी के प्रशासनिक पोर्टल तक अनधिकृत पहुंच हासिल की और वॉलेट ट्रांजेक्शन को अंजाम दिया।

पुलिस ने आरोपियों से चार मोबाइल फोन, डेटा डिवाइस, आईपी लॉग, ईमेल आईडी, रिचार्ज पैटर्न और लॉगिन क्रेडेंशियल्स बरामद किए हैं, जो इस धोखाधड़ी में उनके शामिल होने की पुष्टि करते हैं। सभी आरोपी एक ही डिवाइस और वाई-फाई नेटवर्क से जुड़े थे। पुलिस इस धोखाधड़ी के पूरे नकदी प्रवाह की जांच कर रही है ताकि अन्य संभावित संलिप्तताओं का पता लगाया जा सके।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More