फ्रांस के बाद साइप्रस में बढ़ेंगी UPI सेवाएं, पीएम मोदी ने कहा, ‘बातचीत आगे बढ़ेगी…’

राष्ट्रीय जजमेंट

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय साइप्रस की यात्रा पर है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने भारत-साइप्रस सीईओ फोरम को संबोधित किया है। फोरम को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत की आर्थिक ताकत, विकास और क्षमता पर चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि भारत ने एक उल्लेखनीय डिजिटल क्रांति की है, जिसमें यूपीआई वैश्विक स्तर पर सभी डिजिटल लेनदेन का 50 फीसदी हिस्सा है। पीएम मोदी ने इस दौरान फ्रांस के साथ अपनाए गए मॉडल के अनुरूप साइप्रस में भी यूपीआई सेवाएं विस्तारित करने पर चर्चा का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांस जैसे कई देश इससे जुड़े हैं। साइप्रस को इसमें शामिल करने के लिए बातचीत जारी है। मैं इसका स्वागत करता हूं। ऐसा छह दशक बाद हुआ है कि एक ही सरकार लगातार तीसरी बार चुनी गई हो। बीते 10 वर्षों में डिजिटल क्रांति आई है। वित्तीय समावेशन इसका एक उदाहरण बन गया है।

पीएम मोदी ने कहा, “आज दुनिया का 50 प्रतिशत डिजिटल लेन-देन यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानि यूपीआई के जरिए भारत में होता है।” भारत ‘तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है’। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और शीघ्र ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। पिछले एक दशक में भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और निकट भविष्य में हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है… आज भारत के पास एक स्पष्ट नीति है…”

उन्होंने भारत की मजबूत होती आर्थिक स्थिति और भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया तथा नए शुरू किए गए विनिर्माण मिशन, समुद्री और बंदरगाह विकास, जहाज निर्माण और तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन क्षेत्र जैसे प्रमुख फोकस क्षेत्रों को रेखांकित किया।

भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए विनिर्माण मिशन का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, अर्धचालक, जैव प्रौद्योगिकी और हरित विकास पर विशेष जोर देते हुए विनिर्माण क्षेत्र के विकास में तेजी लाना है। इस पहल का उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना तथा समग्र आर्थिक प्रगति को गति देना है।

हम भारत में भविष्योन्मुखी बुनियादी ढांचे के विकास में प्रतिवर्ष सौ अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहे हैं। इस वर्ष के बजट में हमने मैन्यूफैक्चरिंग मिशन की शुरुआत की है। हमारा ध्यान समुद्री और बंदरगाह विकास पर है। हम जहाज निर्माण और जहाज तोड़ने को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके लिए नई नीति भी लाई जा रही है। नागरिक उड्डयन क्षेत्र भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इनोवेशन भारत की आर्थिक ताकत का एक मजबूत स्तंभ बन गया है। हमारे 1 लाख से अधिक स्टार्टअप सिर्फ सपने नहीं, बल्कि समाधान बेचते हैं”।

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