एबीवीपी की तीन दिवसीय छात्र संसद रविवार से होगी शुरू, राष्ट्रीय समरसता और विकास पर होगा मंथन

नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तीन दिवसीय छात्र संसद मध्य दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में होगी। यह छात्र संसद देशभर के छात्र प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं और समाजसेवियों को एक मंच प्रदान करेगी, जहाँ वे शिक्षा, नेतृत्व, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। इस ऐतिहासिक आयोजन के अंतर्गत जनजातीय छात्र युवा संसद 9 मार्च को, छात्रा संसद 10 मार्च को और पूर्वोत्तर युवा संसद 11 मार्च को आयोजित होगी।

इस अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर छात्र युवा संसद में, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर छात्रा संसद में एवं जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके जनजातीय छात्र युवा संसद में तथा समापन समारोह में सर्बानंद सोनोवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

जनजातीय छात्र संसद 9 मार्च को आयोजित होगी, जिसमें देशभर से वनवासी क्षेत्रों के छात्र भाग लेंगे। देश की मुख्यधारा में जनजातीय समाज को सक्रिय रूप से जोड़ने, उनकी शिक्षा को बढ़ावा देने, उनके सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण तथा उनके अधिकारों की रक्षा के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इस संसद में जनजातीय समुदायों की शिक्षा, उनके सांस्कृतिक संरक्षण, सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता और रोजगार के अवसरों पर गहन मंथन किया जाएगा। इस आयोजन में देशभर की 124 से अधिक भिन्न जनजातियों का प्रतिनिधित्व रहेगा, जिसमें 300 से अधिक जनजातीय समाज के छात्र भाग लेंगे। विशेष रूप से बैगा, शहरिया, मारिया, मोडिया जैसी अति पिछड़ी जनजातियों के छात्र भी इस संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और अपनी समस्याओं एवं आवश्यकताओं पर विचार रखेंगे। इस अवसर पर जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और जनजातीय क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं के निराकरण एवम केंद्र की प्रभावशाली नीतियों के विषय में अपने विचार साझा करेंगे।

छात्रा संसद 10 मार्च को आयोजित होगी, जिसका उद्देश्य छात्राओं की वैचारिक स्पष्टता को बढ़ाना और उन्हें प्रभावी रूप से समाज का नेतृत्व करने के लिए सशक्त करना है। इस संसद में शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, भारतीय चिंतन में महिला की भूमिका तथा विकसित भारत 2047 में महिलाओं की सहभागिता जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। इस छात्रा संसद के आयोजन को लेकर देशभर में छात्राओं के बीच व्यापक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें उनकी शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और नेतृत्व संबंधी चुनौतियों को समझा गया। इस सर्वेक्षण के आधार पर छात्राओं की समस्याओं और उनके समाधान पर संवाद हेतु इस सत्र की रूपरेखा तैयार की गई। इस संसद में देश के सभी राज्यों से 250 से अधिक छात्राओं की उपस्थिति रहेगी, जिसमें छात्र संघ पदाधिकारी, एनएसएस, एनसीसी और अन्य प्रतिभाशाली छात्राओं की भागीदारी होगी। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एवं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर मुख्य अतिथि होंगी और महिलाओं की सामाजिक और राष्ट्रीय भूमिका पर अपने विचार रखेंगी।

पूर्वोत्तर छात्र युवा संसद 11 मार्च को आयोजित होगी। पूर्वोत्तर भारत और शेष भारत के बीच राष्ट्रीय एकात्मता को सुदृढ़ करने तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए अभाविप अंतर राज्यीय छात्र जीवन दर्शन कार्यक्रम के माध्यम से “एक राष्ट्र, एक जन, एक संस्कृति” और “भारत मेरा घर है” के विचार के साथ लंबे समय से कार्यरत है। इस कार्यक्रम के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत के सभी आठों राज्यों के छात्र संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह संसद पूर्वोत्तर भारत के शांति, सौहार्द और विकास को स्थापित करने, स्थानीय संस्कृति, परंपरा, शिक्षा और भाषा के संरक्षण में छात्र संगठनों की भूमिका को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगी। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह इस सत्र में मुख्य अतिथि होंगे और जनजातीय विकास, उनके अधिकारों और आर्थिक अवसरों को लेकर छात्रों से संवाद करेंगे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि यह तीन दिवसीय छात्र संसद केवल चर्चा का मंच नहीं, बल्कि युवाओं की आवाज को नीति-निर्माण तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम है। यह आयोजन छात्रों को सामाजिक समस्याओं को समझने, समाधान सुझाने और राष्ट्रनिर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर देगा। परिषद का मानना है कि युवा ही देश के भविष्य की दिशा तय करते हैं, और यह छात्र संसद भारत के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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