चिंताजनक: फूड पैकेजिंग में मिले 68 स्थायी रसायन, सेहत के लिए खतरा, कैंसर तक का जोखिम नई दिल्ली

राष्ट्रीय जजमेंट

नई दिल्ली।दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाली फूड पैकेजिंग में 68 ऐसे रसायन की मौजूदगी के सबूत मिले हैं, जो स्थायी (फारएवर) हैं। फूड पैकेजिंग में इनकी मौजूदगी स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। ज्यूरिख स्थित फूड पैकेजिंग फोरम फाउंडेशन से जुड़े पर्यावरण वैज्ञानिकों का यह अध्ययन एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।शोधकर्ताओं के अनुसार पर-एंड-पॉली फ्लोरो अल्काइल सब्स्टेंसेस (पीएफएएस) मानव निर्मित रासायनिक यौगिकों का एक समूह है। यह बहुत धीमी गति से पर्यावरण में विघटित होते हैं। इसकी वजह से यह रसायन पर्यावरण में लम्बे समय तक बने रहते हैं। इसी कारण इन्हें ‘फारएवर केमिकल्स’ के नाम से भी जाना जाता है। अब तक विभिन्न तरह के 12,000 से ज्यादा पीएफएएस के मौजूद होने की पुष्टि हो चुकी है। यह ऐसे रसायन हैं जो पर्यावरण और स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। यहां तक की बहुत ज्यादा समय तक इनके संपर्क में रहने से कैंसर तक हो सकता है।शोधकर्ताओं को फूड पैकेजिंग में 61 रसायन ऐसे हैं जिनके उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन वैज्ञानिक यह पता लगाने में नाकाम रहे कि ये रसायन वहां क्यों और कैसे पहुंचे। फूड पैकेजिंग में पहचाने गए पीएफएएस में से केवल 57 फीसदी रसायनों के संभावित खतरों के बारे में जानकारी उपलब्ध है। इनमें से कई रसायन ऐसे हैं जो स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
इनमें जल प्रतिरोधी गुण इन स्थायी रसायनों में जल प्रतिरोधी गुण होता है। इस गुण की वजह से तेल, पानी, आग जैसी चीजें इन पर नहीं ठहरतीं। इनके इसी गुण के चलते दशकों पहले इनका उपयोग शुरू कर दिया गया था। आमतौर पर इनका उपयोग नॉनस्टिक कुकवेयर, फूड पैकेजिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, अग्निशमन फोम, कालीन, कपड़ों, सौंदर्य प्रसाधनों जैसे उत्पादों में किया जाता है।खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में सीमित हो प्रयोग अध्ययन में यह भी सामने आया है कि इनमें से करीब 87 फीसदी सेहत के लिहाज से बेहद खतरनाक यौगिकों की श्रेणियों में आते हैं। इनके उपयोग को सीमित करने के वैश्विक प्रयासों के बावजूद फूड पैकेजिंग मैटेरियल में पर-एंड पॉली-फ्लोरो अल्काइल एसिड की मौजूदगी के सबूत सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए अध्ययनकर्ताओं ने पर्यावरण और स्वास्थ्य से जुड़े दुष्प्रभावों और सीमित जानकारी को देखते हुए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में पीएफएएस के वैश्विक उपयोग को सीमित करने की जरूरत पर बल दिया है।

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