आपके भतीजे को इटली पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वकील बन किया कॉल, ठगे चार लाख, पुलिस ने दिलाए वापस

नई दिल्ली: आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध से जुड़ी घटनाएं अब बेहद आम हो गई हैं। आए दिन साइबर अपराध से जुड़ी अलग-अलग खबरें सुनने को मिलती हैं। साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को अपने जाल में फंसाने का काम करते हैं। ऐसे में कई बार लोग किसी बड़े अपराध का शिकार बन जाते है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। दिल्ली के मध्य जिले के साइबर थाने की टीम ने खुद को इटली का वकील बताकर पीड़ित से चार लाख रुपए की ठगी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान 23 वर्षीय इरशाद आलम निवासी जिला पश्चिमी चंपारण, बिहार के रुप में हुई है। आरोपी के पास से एक मोबाईल फोन और चार डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। आरोपी का बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया। जिनमें तेरह लाख रुपए थे। न्यायालय के माध्यम से शिकायत कर्ता को चार लाख रुपए वापस किए।

मध्य जिले के डीसीपी एम. हर्ष वर्धन ने बताया कि पिछले साल पांच जून को शिकायतकर्ता ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया कि उसके पिता को व्हाट्सएप कॉल आया था। फोन करने वाले ने खुद को इटली का वकील बताया और कहा कि उसका भाई इटली पुलिस की हिरासत में है और उसे छुड़ाने के लिए 4.5 लाख रुपये लगेंगे। उसकी बातों पर विश्वास कर 4 लाख रुपये जमा कर दिये। बाद में पता चला कि उसके भाई के साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। उसके साथ धोखा हुआ है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

डीसीपी ने बताया कि जांच में शिकायतकर्ता द्वारा पैसे जमा किए गए बैंक खाते की जांच की गई। वो खाता किसी मोहम्मद जुनैद निवासी पूर्वी चंपारण, बिहार के नाम पर खोला गया था। ठगी का पैसा तुरंत दूसरे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया था। एक टीम को खाताधारक मो जुनैद पैतृक गांव भेजी गई। पूछताछ में बताया की उसने खाते की जानकारी अपने गांव के इरशाद को 10 हजार रूपए में दी थी क्योंकि उसे पैसों की जरूरत थी। जुनैद ने पैसे को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। आरोपी इरशाद आलम को ढूंढने का प्रयास किया गया लेकिन वह अपने घर से भागने में सफल रहा।

जांच के दौरान पता चला कि आरोपी इरशाद आलम ने अलग-अलग बैंकों में चार बैंक खाते खोल रखे हैं। इन चार बैंक खातों में 2.67 करोड़ से अधिक रुपए के लेनदेन मिले। खातों से लगभग 13.00 लाख रूपये फ्रीज किए गए। आरोपी इरशाद आलम की अग्रिम जमानत को दिल्ली के सत्र न्यायालय के साथ-साथ माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दो बार खारिज कर दिया था। पुलिस टीम लगातार उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी, आखिरकार इरशाद आलम आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपी इरशाद आलम ने खुलासा किया कि वर्ष 2019 में वह मोतिहारी बिहार निवासी सुभाष और बालिस्टर के संपर्क में आया। उन्होंने कुल लेनदेन पर 6% कमीशन का वादा किया था। वे कमीशन के आधार पर अपने परिचितों के बैंक खातों की जानकारी देता था।

सोशल मीडिया व डिजिटल के दौर में बढ़ते साइबर अपराधों के दृष्टिगत राष्ट्रीय जजमेंट मिडिया ग्रुप अपने पाठकों से अपील करता है कि वे साइबर ठगों से सावधान व सतर्क रहें। किसी भी प्रकार के साइबर फ्रॉड से बचने के लिए अपनी गोपनीय जानकारी, ओटीपी, पासवर्ड आदि किसी के साथ शेयर न करें और न ही किसी झांसे में आएं। किसी भी कारणवश साइबर अपराध का शिकार होने पर केंद्र सरकार के पोर्टल नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पर शिकायत दर्ज करे। सरकार के इस पोर्टल की मदद से ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा मिलती है। इस पोर्टल पर सभी तरह के साइबर अपराध की शिकायत की जा सकती है। सरकार का यह पोर्टल चौबीस घंटे काम करता है। मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी कॉल कर सकते हैं।

 

 

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