नीतीश, लालू प्रसाद के मकर संक्रांति भोज में शामिल हुए

राष्ट्रीय जजमेंट

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद)के अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा आयोजित मकर संक्रांति भोज में शामिल हुए। इसी के साथ प्रदेश में सत्तारूढ़ ‘महागठबंधन’ में शामिल दोनों प्रतिद्वंद्वियों के बीच किसी तरह की खटास की अटकलों को भी खारिज कर दिया। इस अवसर पर पत्रकारों के साथ संक्षिप्त बातचीत में लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश की उपस्थिति पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, ‘‘हम माननीय मुख्यमंत्री के घर आने से खुश हैं। हम लंबे समय से लोगों को ‘दही, चिवड़ा, तिल से बनी चीजें और कद्दू की सब्जी का भोज देते आ रहे हैं। मंत्रिमंडल में अन्य सहयोगी भी शामिल हो रहे हैं। हम उन सभी का स्वागत करते हैं।’’

युवा राजद नेता ने राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमलाकरते हुए कहा, ‘‘जब से लालू जी और नीतीश जी ने हाथ मिलाया है, भाजपा डर गई है। साथ ही, हम एक ऐसी सरकार चला रहे हैं जिसने बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के अपने वादे को पूरा किया है। ऐसे में, इस पर किसी भी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है। तरह-तरह की बातें की रही हैं।’’ मीडिया के एक वर्ग ने दावा किया था कि नीतीश कुमार को कथित तौर पर पद से हटाने और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का रास्ता साफ करने के लिए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, लालू प्रसाद से निकटता बढ़ा रहे थे और इसके मद्देनजर पार्टी में टूट की आशंका को देखते हुए नीतीश असहज हो गए थे। दावा किया गया था कि इसी की वजह से ललन सिंह को पद छोड़ना पड़ा और कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी।

हालांकि, ललन सिंह ने संबंधित मीडिया वर्ग को कानूनी नोटिस भेजकर तीखी प्रतिक्रिया दी और दावा किया है कि उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए पार्टी के शीर्ष पद को छोड़ा है। ललन सिंह ने यह भी कहा था कि उनके अनुरोध पर ही जदयू के शीर्ष नेता नीतीश कुमार पार्टी प्रमुख का पद संभालने के लिए सहमत हुए। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ‘महागठबंधन’ के घटकों के बीच सीट बंटवारे में ‘देरी’ को लेकर जदयू का धैर्य जवाब देने के कयास के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा, ‘‘ आप कैसे जानते हैं कि बिहार में ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं आया है? हो सकता है, इसे अंतिम रूप दे दिया गया होगा।

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