राष्ट्रीय जजमेंट
वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन ने गुजरात को बदल दिया है। इसे राज्य में आए विनाशकारी भूकंप के दो साल बाद शुरू किया गया था। इसके बाद गुजरात प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरकर भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक मांग वाले निवेश स्थल में एक बन गया है। राज्य के वर्तमान और पूर्व अधिकारियों ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि गुजरात 10-12 जनवरी, 2024 को शिखर सम्मेलन के 10वें संस्करण की तैयारी कर रहा है। यह आयोजन नवोन्मेषण,स्थिरता और वैश्विक सहयोग के जरिये आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रहा है। अधिकारियों ने कहा कि 2003 में शुरू हुए शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों की संख्या 2007 के 12 से बढ़कर 2019 में 135 हो गई है। इससे इसके उल्लेखनीय वैश्विक विस्तार का पता चलता है।
दो साल में एक बार आयोजित होने वाला शिखर सम्मेलन व्यवसायों और सरकारों के लिए निवेश के अवसर तलाशने और साझेदारी स्थापित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करता है। शिखर सम्मेलन का पहला संस्करण 2003 में 3,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में आयोजित हुआ था। वर्ष 2009 में यह बढ़कर 19,200 वर्ग मीटर और 2019 में 1.5 लाख वर्ग मीटर हो गया।
राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव पी के लाहेरी ने पहले दो संस्करणों में प्रमुख भूमिका निभाई। वह शिखर सम्मेलन की वैश्विक सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और गुजरात के विकास पर उनके जोर को देते हैं। लाहेरी ने कहा, ‘‘जब हमने शिखर सम्मेलन शुरू किया, तो प्रधानमंत्री मोदी (तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री) ने भी इसमें पूरी तरह शामिल होने का फैसला किया।’’
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