मथुरा: जवाहरबाग हिंसा का मुख्य आरोपी चंदन बोस बरी

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मथुरा। उत्‍तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित जवाहरबाग में 2 जून 2016 को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्ष में एसपी सिटी और थाना फरह के एसओ सहित 28 लोगों की मौत के मामले में एसीजेएम द्वितीय की अदालत का फैसला आ गया है।
अदालत ने इस हिंसा में 45 लोगों को दोषी पाया है। अदालत ने इन सभी लोगों को अधिकतम तीन साल की सजा सुनाई है, जबकि मुख्य आरोपी को अदालत ने मुख्य आरोपी को बरी कर दिया है।
जवाहरबाग में 2 जून 2016 को हुई गोलीबारी में एसपी मुकुल द्विवेदी और फरह थाने के एसओ संतोष यादव को एके 47 से गोली मारने के मामले में रामबृक्ष यादव के साथ उसके खास सलाहकार चंदन बोस, गिरीश यादव और राकेश गुप्ता को मुख्य आरोपी बनाया था। पुलिस ने इस मामले में 15 जनू को चंदन बोस परसरामपुर गांव से पत्नी पूनम समेत पकड़ा था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जवाहर बाग में हुई हिंसा की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे। घटना के बाद मौके से मिले प्रदर्शनकारियों के 24 शव के डीएनए नमूने शिनाख्त के उद्देश्य से पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के दौरान सुरक्षित कर लखनऊ एफएसएल भेजे थे। यही नहीं जवाहर बाग से जुड़ी फाइल दबाने की जानकारी मिली थी। इसके बाद सीबीआई टीम ने गृह विभाग में तैनात समीक्षा अधिकारी और कॉन्स्टेबल से पूछताछ की थी।
2 जून 2016 की शाम एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव जवाहबाग पार्क में अवैध कब्जा खाली कराने गए थे। इस दौरान रामवृक्ष यादव के गुर्गे हथियारों सहित पुलिस पर टूट पड़े। लोगों ने एसपी सिटी और एसओ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई में कई लोग मारे गए थे।

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