हैप्पीनेस थैरेपी के तहत दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों के साथ नाचेंगे डॉक्टर और नर्स

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्कूलों में चल रहे हैप्पीनेस कोर्स की तर्ज पर अब अस्पतालों में भी हैपीनेस थैरेपी होगी। इसकी शुरुआत गुरुवार को हो गई। पूर्व दिल्ली के गुरुतेग बहादुर अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसे लॉन्च किया।
इस मौके पर मंत्री जैन, अस्पताल के निदेशक डॉ. सुनील कुमार और अन्य डॉक्टर और नर्सों ने मरीजों के साथ डांस किया। जल्द ही इस तरह के नजारे दूसरे अस्पतालों में भी देखे जा सकते हैं। हालांकि, जीटीबी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने डांस करने से इनकार कर दिया है।

 

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन गुरुवार को गुरुतेग बहादुर अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में मरीजों, डॉक्टर्स और नर्सों के साथ बॉलीवुड के मशहूर गाने ‘मैंने चूड़ी जो खनखाई’ पर ठुमके लगाते हुए दिखाई दिए। वे हैप्पीनेस  थैरेपी का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
डॉक्टर्स, नर्सों और अस्पताल का दूसरा स्टाफ अब इसी तरह नाचता-गाता दिखाई दे सकता है। हैप्पीनेस थैरेपी लॉन्च करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया, “दिल्ली के अस्पतालों में लगातार डॉक्टर्स और स्टाफ से मारपीट के मामले बढ़ रहे हैं। इन्हीं सब कारणों से निपटने के लिए थैरेपी शुरू की गई है।”
दिल्ली सरकार की हैप्पीनेस  थैरेपी का विरोध शुरू हो गया है।
गुरुतेग बहादुर अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने डांस नहीं करने का ऐलान किया है। आरडीए प्रेसिडेंट डॉ. आनंद चोपड़ा का कहना है कि डॉक्टरों पर मरीजों का वैसे ही बहुत ज्यादा प्रेशर रहता है। ऐसे में यदि डॉक्टरों को नाचने के लिए कहा जाएगा तो उससे अस्पताल का माहौल खराब होगा।
एसोसिएशन ने फैसला किया है कि कोई भी डॉक्टर डांस नहीं करेगा। मरीजों का मन ठीक रखने के लिए और भी तरीके अपनाए जा सकते हैं, उसमें से वार्ड में हल्का म्यूजिक चलाना बेहतर रहेगा।
मंत्री जैन ने बताया, “हैप्पीनेस थेरेपी का आइडिया वेस्टइंडीज के वायरल वीडियो और बॉलीवुड की मशहूर फिल्म मुन्नाभाई एबीबीएस से आया।”
“हमने वेस्टंडीज का एक वायरल वीडियो देखा। मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म में इलाज के लिए खुशनुमा माहौल ने भी प्रेरित किया। इसके बाद हमने अपने अस्पतालों में खुशनुमा माहौल बनाने के लिए हैप्पीनेस  थेरेपी की शुरुआत की।
वेस्टंडीज का वायरल वीडियो जीटीबी अस्पताल के डॉ निकुंज अग्रवाल को सबसे पहले मिला। निकुंज ने बताया कि मुझे मेरे दोस्त ने यह वीडियो यूएस से भेजा था।”
जीटीबी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने बताया, “हैप्पीनेस  थैरेपी मरीजों की वैलनेस के लिए शुरू की गई है। इसमें डांस के अलावा गीत-संगीत, योगा और दूसरे तरीके शामिल किए जा सकते हैं।
कुल मिलाकर इसका उद्देश्य मरीजों को अच्छा माहौल देना और स्टाफ- मरीजों के बीच अच्छा संबंध स्थापित करना है। सभी विभाग अपने मुताबिक प्लानिंग कर सकते हैं। जरूरी नहीं है कि डांस ही किया जाए।”

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