बजट में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कहकर केजरीवाल सरकार द्वारा अपनी भ्रष्ट नीतियों पर पर्दा डालने की कोशिश: अनिल भारद्वाज

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं दिल्ली सरकार पूर्व संसदीय सचिव अनिल भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार का बजट पूरी तरह दिशाहीन है जिसमें वास्तविकता से दूर भविष्य की कोरी घोषणाऐं है। वित्त मंत्री कैलाश गहलोट द्वारा पेश 78,800 का बजट दिल्ली की गरीब जनता के उम्मीदों से दूर है क्योंकि दिल्ली मॉडल बजट में दिल्लीवालों के लिए कुछ नही किया है। सरकार में जीरो टॉलरेंस भ्रष्टाचार की बात करना आधारहीन है क्योंकि वर्तमान में उनके दो मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद है और केजरीवाल भी शराब घोटाले के आरोपित है। पिछले 9 वर्षों में केवल नाम बदलकर बजट पेश करने वाली दिल्ली सरकार ने दिल्ली को बदहाल बना दिया है।

अनिल भारद्वाज ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा बजट में यह कहना कि दिल्ली सरकार दिल्ली के गरीब लोगों को विश्वस्तरीय शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध कराऐंगी। स्वास्थ्य बजट में कटौती करके पिछले वर्ष 9769 करोड़ से घटाकर 9742 करोड़ कर दिया है, जबकि पिछले वर्ष की तुलना में दिल्ली सरकार के बजट में 8.69 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई और स्वास्थ्य के के क्षेत्र में नई चुनौतियां देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है।  शिक्षा के क्षेत्र में विश्वस्तरीय सुविधाऐं देने का वादा दिखावटी है। स्कूलों में 70 प्रतिशत प्रींसिपल और 33 प्रतिशत टीचरों की कमी होने के बाद विश्वस्तरीय शिक्षा सुविधा का वादा गुमराह करने वाला है। 1027 स्कूलों में से 700 स्कूलों में सांईस की पढ़ाई नही होती है और अधिकतर स्कूलों में साईंस लेब नही होने के बाद केजरीवाल सरकार बेहतरीन शिक्षा का दावा करना बेमानी है।

भारद्वाज ने बताया कि 9 वर्षों में कोई नया अस्पताल, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कुछ भी नया नही हुआ है जो बजट आवंटित हुआ है वह सिर्फ वेतन और एक्सपेंडिचर के लिए है। पिछले 9 वर्षों में कोई नया अस्पताल नही बनाया और न ही कोई प्रोजेक्ट की योजना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने 15 वर्षों में 14 नए अस्पताल और 5 नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल दिल्ली को देकर स्वास्थ्य क्षेत्र में नई ताकत प्रदान की। दिल्ली में मौहल्ला क्लीनिकों का ढ़िढोंरा पीटने वाली आप सरकार ने पिछले वर्ष केवल 10 नए मौहल्ला क्लीनिक बनाए गए और दिल्ली में 515 मौहल्ला क्लीनिक है। जबकि 12 प्रतिशत अस्पतालों में आपरेशन थियेटर बंद है, एमआरआई मशीन व लेब टेस्ट नही है दिल्ली की जनता को मजबूरन टेस्ट प्राईवेट कराना पड़ते है। स्वास्थ्य बजट में ऑक्सीजन प्लांट पर कोई चर्चा नही। बजट में पीडब्लूडी विभाग द्वारा 28 फलाईओवर बनाने का दावा किया है और 29  फलाई ओवर वित्त वर्ष में बनाने की जिक्र करना बढ़ा चढ़ाकर कहना है। क्योंकि आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार 2015-2022 के बीच सिर्फ 13 फलाई ओवर बने है उसमें छोटी नजफगढ़-नांगलोई को जोड़ने वाली पुलिया को भी पुल दर्शाया गया है। टूटी सड़कों के चलते दिल्ली में लगातार ट्रेफिक जाम से दिल्ली की जनता जूझ रही है और केजरीवाल सरकार बेहतरीन विकास और विश्वस्तरीय सुविधाऐं देने का हवाला देते है। उन्होंने कहा कि लास्ट माईल कनेक्टीविटी के लिए 9 मीटर की सड़कों पर छोटी बसे चलाने की घोषणा पूरी तरह निराधार है क्योंकि जहां ऑटो, ई रिक्शा के चलने की उचित सुविधा नही वहां बसे चलाना ट्रेफिक जाम को अंजाम देने की योजना साबित हो सकती है।

उन्होने आगे कहा कि अपने पिछले बजट को रोजगार बजट का नाम देने के बाद इस वर्ष बजट में रोजगार पर कोई चर्चा नही है जबकि पिछले वर्ष 5 लाख नए रोजगार देने का वादा किया था, जिसमें दिल्ली सरकार सिर्फ 1000 रोजगार ही दे पाई है। इससे यह दर्शाता है कि अरविन्द केजरीवाल अपनी घोषणाओं पर पूरी तरह से नाकाम साबित रही। उन्होंने कहा कि केजरीवाल बाहर के राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का वादा करते है फिर दिल्ली के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नही देकर दोगली नीति क्यों अपना रहे हैं? दिल्ली कांग्रेस मांग करती है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में युवाओं को बेरोजगारी भत्ते की तुरंत घोषणा करें। दिल्ली की जनता को बिजली सब्सिडी सीधे उनके खाते में भेजने की घोषणा की बड़ी उम्मीद थी परंतु इस पर बजट में चर्चा ही नही हुई। अभी सरकार बिजली सब्सिडी का लाभ सीधा बिजली कम्पनियों दे रही है जिसमें बिजली कम्पनियों को अधिक लाभ पहुॅच रहा है और उपभोक्ताओं पर अधिक बिलों का बौझ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पार्किंग व्यवस्था, वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए पेंशन, गरीब को राशन देने आदि मुद्दों पर कोई चर्चा नही हुई। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का बजट पूरी तरह से दिशाहीन, झूठे वायदे और नारों के साथ दिल्ली की जनता को अंधेरे में रखने के लिए नए तरीके से पेश किया गया है।

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