कांग्रेस ने जेपीसी गठन की मांग को लेकर राजनिवास का घेराव किया

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में सैंकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कथित अडानी घोटाले की जांच के लिए जेपीसी गठन की मांग को लेकर उपराज्यपाल निवास का घेराव किया। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लेकर ‘‘मोदी-अडानी भाई-भाई, देश बेच खा गए मलाई’’ जे.पी.सी. का गठन करो-गठन करो’’, आदि नारे लगा रहे थे।

चौ अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की केन्द्र में मोदी सरकार संसद में, देश और विदेश में हर जगह अडानी को बचाने के लिए ढाल बनकर खड़ी है और जेपीसी गठन की जगह सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी का हवाला दे रही है जो  रिव्यू ऑफ रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के अंतर्गत अडानी हिडनबर्ग मुददे पर जांच करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग स्पष्ट है कि अडानी के खिलाफ जांच के लिए जेपीसी कगठन हो क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी का दायरा सीमित है वह अडानी पर जो चार्ज लगे है, उनकी बेनामी सम्पत्ति, उनकी शैल कम्पनियों द्वारा गड़बड़ी, 82 गुणा शेयर कैसे बढ़ गए, स्टॉक रीडिंग कैसे हुई इसकी जांच नही करेगी।   उन्होंने  कहा कि सरकार के दिशा निर्देश पर एल.आई.सी ने उन स्टॉक में निवेश किया जिनमें डोमेस्टिक म्यूचुअल फंड निवेश नही करते है। सरकार के दबाव के कारण अडानी ग्रुप में निवेश करके एल.आई.सी./एस.बी.आई. को निवेश नेगेटिव हो चुका है और एल.आई.सी. के 30 करोड़ निवेशक और एई. के 45 करोड़ एकाउंट होल्डर लगभग 48000 करोड़ का नुकसान होने पर सरकार से सवाल पूछ रहे है जिसका मोदी सरकार के पास कोई जवाब नही है।

अनिल कुमार ने कहा कि अडानी घोटाले में जहां देश की आर्थिक स्थायित्व की दो संस्थाएं एल.आई.सी. और एस.बी.आई. डूबने स्थिति में पहुॅचाने वाले अडानी के बावजूद पीएम का विदेश जाना और वहां अडानी को नए बिजनेस डील मिलना कोई संयोग नही मोदी सरकार का प्रयोग हैं। भारत की फॉरेन पॉलिसी को मोदी जी ने अडानी के लिए फॉरेन डील पालिसी बना दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की पूंजीपति मित्र मोह की नीति के चलते देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है जिसके कारण गरीब, निम्न और मध्यम वर्ग अजीविका का संकट खड़ा है।

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