राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़
नीरजपाराशर आचारय:
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*** जय श्री राधे ***
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
***ll जय श्री राधे ll***
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*दिनाँक :-25/11/2022, शुक्रवार*
द्वितीया, शुक्ल पक्ष,
मार्गशीर्ष
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———- द्वितीया 22:34:29 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र———– ज्येष्ठा 17:20:08
योग———— सुकर्मा 08:42:09
योग————– धृति 28:57:54
करण———– बालव 12:06:55
करण———– कौलव 22:34:29
वार———————– शुक्रवार
माह——————— मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि—— वृश्चिक 17:20:08
चन्द्र राशि——————– धनु
सूर्य राशि——————–वृश्चिक
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————— 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:48:52
सूर्यास्त—————- 17:23:15
दिन काल————- 10:34:23
रात्री काल————–13:26:23
चंद्रास्त—————- 18:37:33
चंद्रोदय—————- 31:08:03
लग्न—- वृश्चिक 8°34′ , 218°34′
सूर्य नक्षत्र—————– अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र——————- ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र
*??? पद, चरण ???*
यी—- ज्येष्ठा 11:55:09
यू—- ज्येष्ठा 17:20:08
ये—- मूल 22:44:43
यो—- मूल 28:09:02
*??? ग्रह गोचर ???*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृश्चिक 08 :29 अनुराधा , 2 नी
चन्द्र =वृश्चिक 23°23, ज्येष्ठा , 3 यी
बुध =वृश्चिक 16 ° 34′ ज्येष्ठा ‘1 नो
शुक्र=वृश्चिक 16°05, ज्येष्ठा ‘ 1 नो
मंगल=वृषभ 26°30 ‘ मृगशिरा’ 2 वो
गुरु=मीन 04°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 25°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 18°00 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 18°00 विशाखा , 4 ता
*?? शुभा$शुभ मुहूर्त ??*
राहू काल 10:47 – 12:06 अशुभ
यम घंटा 14:45 – 16:04 अशुभ
गुली काल 08:08 – 09:27 अशुभ
अभिजित 11:45 – 12:27 शुभ
दूर मुहूर्त 08:56 – 09:38 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:27 – 13:10 अशुभ
वर्ज्यम 37:31* – 38:57* अशुभ
?गंड मूल अहोरात्र अशुभ
?चोघडिया, दिन
चर 06:49 – 08:08 शुभ
लाभ 08:08 – 09:27 शुभ
अमृत 09:27 – 10:47 शुभ
काल 10:47 – 12:06 अशुभ
शुभ 12:06 – 13:25 शुभ
रोग 13:25 – 14:45 अशुभ
उद्वेग 14:45 – 16:04 अशुभ
चर 16:04 – 17:23 शुभ
?चोघडिया, रात
रोग 17:23 – 19:04 अशुभ
काल 19:04 – 20:45 अशुभ
लाभ 20:45 – 22:26 शुभ
उद्वेग 22:26 – 24:06* अशुभ
शुभ 24:06* – 25:47* शुभ
अमृत 25:47* – 27:28* शुभ
चर 27:28* – 29:09* शुभ
रोग 29:09* – 30:50* अशुभ
?होरा, दिन
शुक्र 06:49 – 07:42
बुध 07:42 – 08:35
चन्द्र 08:35 – 09:27
शनि 09:27 – 10:20
बृहस्पति 10:20 – 11:13
मंगल 11:13 – 12:06
सूर्य 12:06 – 12:59
शुक्र 12:59 – 13:52
बुध 13:52 – 14:45
चन्द्र 14:45 – 15:38
शनि 15:38 – 16:30
बृहस्पति 16:30 – 17:23
?होरा, रात
मंगल 17:23 – 18:30
सूर्य 18:30 – 19:38
शुक्र 19:38 – 20:45
बुध 20:45 – 21:52
चन्द्र 21:52 – 22:59
शनि 22:59 – 24:06
बृहस्पति 24:06* – 25:14
मंगल 25:14* – 26:21
सूर्य 26:21* – 27:28
शुक्र 27:28* – 28:35
बुध 28:35* – 29:42
चन्द्र 29:42* – 30:50
*?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??*
वृश्चिक > 05:12 से 07:38 तक
धनु > 07:32 से 10:04 तक
मकर > 10:04 से 11:42 तक
कुम्भ > 11:42 से 13:12 तक
मीन > 13: 12 से 13: 44 तक
मेष > 13: 44 से 15:18 तक
वृषभ > 15:18 से 18:04 तक
कर्क > 18:04 से 22:34 तक
सिंह > 22:34 से 00:46 तक
कन्या > 00:46 से 03:02 तक
तुला > 03:02 से 05:23 तक
*?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*?दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
2 + 6 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
*? शिव वास एवं फल -:*
2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि सन्निधौ = शुभ कारक
*?भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*?? विशेष जानकारी ??*
* चन्द्र दर्शन
*??? शुभ विचार ???*
शुध्दं भूमिगतं तोयं शुध्दा नारी पतिव्रता ।
शुचिः क्षेमकरोराजा संतोषी ब्राह्मणः शुचिः ।।
।। चा o नी o।।
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