सुल्तानपुर चुनाव से पहले विकास का दम भर्ती सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव के बाद किसान गरीब मजदूर की सुध लेने वाला कोई नहीं मामला सुल्तानपुर विकासखंड धनपतगंज की ग्राम सभा गोमती नदी के किनारे बसी हिंदू बाहुल्य ग्राम सभा केवटली का है जहां पिछले 40 सालों से आदि गंगा गोमती के किनारे चकबंदी के समय पर श्मशान घाट की जमीन शव गृह के लिए छोड़ी गई थी
ताकि हिंदू बाहुल्य ग्राम सभा केवटली के हिंदू परिवार अपनों की अंतिम यात्रा के समय आदि गंगा गोमती नदी के किनारे आसानी से जलाया जा सके लेकिन बारिश और सर्द मौसम में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा करना किसी भी परिवार के लिए संभव नहीं बारिश और सर्द मौसम में कई बार आदि गंगा के किनारे अर्ध जली लाशों को आदि गंगा गोमती मे बहाना पड़ता है
सोच इस परिवार पर क्या गुजरती होगी जब वह अपनों का अंतिम संस्कार तब ठीक से नहीं कर पाता आखिर यह कैसा विकास है जहां हिंदुओं से हिंदू हिंदुत्व के नाम पर वोटतो मांगा जाता है लेकिन अंतिम संस्कार के लिए शमसान गृह की व्यवस्था तक नहीं की जाती जबकि चकबंदी के बाद ना जाने कितनी बार ग्राम प्रधान जिला पंचायत विधानसभा लोकसभा के जन प्रतिनिधि आए गए कई जन प्रतिनिधियों ने तो वादा भी किया अक्सर चुनाव के समय जब किसी की अंतिम यात्रा में कोई भी जनप्रतिनिधि शामिल हुआ तो ग्रामसभा केवटली मे शव गृह बनाने का लोगों ने श्मशान घाट के लिए खाली पड़ी जमीन पर शव गृह बनाने का अनुरोध किया
कई जन प्रतिनिधियों ने तो चुनाव मे हिंदू वोट बैंक को लुभाने के लिए जल्द से जल्द शव गृह बनाने वादा कर लिया लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद सत्ता तो मिली लेकिन श्मशान घाट नहीं बना 2019 के लोकसभा चुनाव में जिले के पूर्व सांसद वरुण गांधी चुनावी कार्यक्रम में आदि गंगा गोमती के किनारे हिंदू परिवारों की समस्याओं को देखते हुए खाली पड़ी जमीन पर जल्द से जल्द शव गृह बनाने का वादा किया था उसके बाद वर्तमान सांसद मेनका गांधी से भी ग्राम सभा केवटली मे शव गृह बनाने का अनुरोध किया गया
सांसद ने जल्द से जल्द खाली पड़ी श्मशान घाट की जमीन पर सर्दी और बारिश में गांव के लोगों को हो रही समस्याओं को देखते हुए आदि गंगा के किनारे शव गृह बनाने की बात कही थी इसके अलावा भी जिले के कई संबंधित अधिकारियों जिला अधिकारी सुल्तानपुर मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स से भी शव गृह के लिए अनुरोध किया गया लेकिन सभी अधिकारियों ने राजनीतिक कारणों का हवाला देकर शव गृह के लिए अपना पल्ला झाड़ते रहे अभी हाल ही में संपन्न हुए जिला पंचायत चुनाव के जन प्रतिनिधियों ने भी शव गृह बनाने का वादा किया था
लेकिन नेताओं के लिए चुनाव खत्म वादे खत्म विधानसभा चुनाव मे एक बार फिर वादों की झड़ी लगने वाली है वादों में श्मशान गृह बनने वाला है चुनाव से पहले विकास का डंका पीटती सरकारे और राजनीतिक दल जनप्रतिनिधि को समझना होगा हिंदू और हिंदुत्व के नाम पर यदि वोट चाहिए तो हिंदूओ के लिए कम से कम शव गृह का निर्माण तो करना ही होगा आखिर कब तक हमें हिंदू हिंदुत्व के नाम पर वोट के लिए यूज किया जाता रहेगा
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