यह कैसी तरक्की है साहब, जो ए.सी. ऑफिस में बैठे हुक्मरानों को तो समझ आती है, परंतु गरीब के समझ में…
आज देश को आजाद हुए लगभग 73 वर्ष हो चुके हैं सोचो हम कहां से कहां पहुंच गए ।कभी-कभी तो लगता है सब दौड़ रहे हैं अपनी मंजिल की तरफ परंतु पहुंच कोई नहीं रहा है। आज देख कर बड़ा दुख होता है कि देश में आज भी आधे से ज्यादा आबादी रोटी कमाने के लिए…