उच्चतम न्यायालय ने 2017 की एसएससी परीक्षाओं को रद्द करने की हिमायत करते हुये सोमवार को कहा कि छात्रों के हितों में राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी (एनटीए) या सीबीएसई नये सिरे से इनका आयोजन कर सकती है।
इससे पहले, अगस्त महीने में न्यायालय ने इस परीक्षा के नतीजों पर रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि
इन परीक्षाओं में हुई अनियमित्ताओं के असली लाभार्थी का पता लगाना मुश्किल है और इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने केन्द्र की इस दलील से असहमति व्यक्त की कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से फरवरी में सम्पन्न परीक्षायें ‘दागी’ हो गयी थीं और
इसके बाद एक प्रश्न पत्र की फिर से परीक्षा हुयी थी। पीठ ने केन्द्र से कहा कि वह प्रगति रिपोर्ट के अवलोकन के बाद 13 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करे।
पीठ ने कहा, ‘‘हमने इस परीक्षा के नतीजों की घोषणा पर रोक लगा दी थी क्योंकि ऐसा करने के लिये पहली नजर में सामग्री थी।
पीठ ने कहा कि वह राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेन्सी या सीबीएसई से परीक्षा आयोजित करने के लिये कह सकती है। पीठ ने कहा, ‘‘हम ऐसी एजेन्सी से परीक्षा का आयोजन कराना चाहते हैं जिससे संपर्क नहीं किया जा सके।’’