कोटा जिले के खातोली इलाके में चंबल नदी पर 111.50 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ब्रिज के लिए वर्क ऑर्डर जारी हो गया है। जल्द ही 1880 मीटर लंबे हाई लेवल ब्रिज का निर्माण शुरू होगा। प्रदेश के सबसे लंबे इस ब्रिज की ऊंचाई भी अधिकतम 35 मीटर के आसपास रहेगी। इस ब्रिज के निर्माण से कोटा, बारां, सवाई माधोपुर और मध्यप्रदेश के श्योपुर जिला सहित आस-पास के लाखों निवासियों को फायदा मिलेगा।
इस पुल के लिए बजट में स्वीकृति साल 2021 में मिली थी। इसके ठीक 1 साल पहले 2020 में इसकी डीपीआर के लिए राशि स्वीकृत हुई थी, जिसके अनुसार ही साल 2021 में करीब 165 करोड़ रुपये इसके निर्माण के लिए स्वीकृत हुए थे। हालांकि, यह वन एवं पर्यावरण स्वीकृति के चक्कर में अटका हुआ था, जिसे वन एवं पर्यावरण स्वीकृति भी मिल गई है। इसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग कोटा ने इसके टेंडर भी जारी कर दिए, जिसकी निविदा स्वीकृत होकर गई है और वर्क ऑर्डर जारी होने के लिए फाइल जयपुर भेजी गई थी।
सार्वजनिक निर्माण विभाग कोटा के अधीक्षण अभियंता आरके सोनी ने बताया कि वर्क ऑर्डर जारी होने के 18 महीने यानी डेढ़ साल में ही इसका निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए 111.50 करोड़ रुपये खर्च होगें। वर्तमान में प्रदेश का सबसे लंबा ब्रिज भी कोटा जिले में चंबल नदी पर ही बना हुआ है। यह कोटा जिले के गैंता व बूंदी जिले के माखीदा के बीच है, जो कि 1562 मीटर लंबा है। यह ब्रिज साल 2018 में बनकर तैयार हुआ था।
कोटा- पीपल्दा के विधायक रामनारायण मीणा का कहना है कि उनकी विधानसभा क्षेत्र के लाखों लोगो को इसका फायदा मिलेगा। ब्रिज का सबसे ज्यादा फायदा बारां जिले के लोगों को होगा। वह सीधे सवाई माधोपुर से जुड़ जाएंगे। बारां के लोगों का कोटा होकर सवाई माधोपुर जाना 200 किलोमीटर पड़ता है। यह पुलिया शुरू हो जाने के बाद उन्हें केवल 135 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। इसके साथ ही बारिश के 4 महीने में ज्यादातर लोग एमपी के श्योपुर होकर ही सवाई माधोपुर जाते है इससे भी उन्हें निजात मिलेगी। खातोली से वर्तमान में कोटा आना करीब 100 किलोमीटर पड़ता है जो अब महज 60 किमी ही रहेगी। इस ब्रिज का निर्माण हो जाने के बाद लोग छोटे-मोटे काम के लिए सवाई माधोपुर जाना ज्यादा पसंद करेंगे।
इटावा एक्सईएन मुकेश मीणा ने बताया कि ब्रिज निर्माण के लिए भूमि अवाप्ति का काम जारी है, इसमें ज्यादा भूमि की वापसी नहीं करनी है। सवाई माधोपुर और कोटा दोनों तरफ इसमें अप्रोच सड़क बनी है, जिनमें सवाई माधोपुर की तरफ 450 मीटर है, जबकि कोटा की तरफ यह 250 मीटर के आसपास ही है। साथ ही उन्होंने बताया कि यह पुलिया 12 मीटर चौड़ी होगी। जिसमें 7.5 मीटर का रास्ता होगा। इसके अलावा दोनों तरफ 1.5 मीटर का फुटपाथ बनेगा। शेष डेढ़ मीटर में क्रैश बैरियर यानी रेलिंग बनाई जाएगी। बारिश के समय 4 महीने यह सड़क मार्ग बंद रहता है। यह पुलिया, खातौली, कैथूदा, सेवती व सवाईमाधोपुर मार्ग पर बन रही है, जिसमें कैथूदा से सेवती के बीच में पुलिया का निर्माण होगा। जिस जगह पर यह पुलिया बननी है, उसमें चंबल का काफी पानी रहता है। बारिश के 4 महीने तो यह पूरा एरिया बिल्कुल डूब क्षेत्र रहता है। वर्तमान में केवल रपट वाली पुलिया ही बनी हुई है, जिसके दुरुस्त करने में भी लाखों रुपये का खर्चा हर साल सार्वजनिक निर्माण विभाग का भी होता है। यह प्रेस्ट्रेस्ड कंक्रीट गर्डर ब्रिज होगा, जिसमें चार गर्डर है। इसके निर्माण में 48 पिलर (पीयर) बनेंगे। इनमें ब्रिज के दोनों छोरों पर बनने वाले एबेटमेंट भी शामिल है। इन 48 पीयर पर 47 स्पान रखे जाएंगे। दो पीयर के बीच में 40 मीटर का गैप होगा। इसी के अनुसार यह 1880 मीटर लंबा ब्रिज होगा। ये 48 पीयर भी तीन तरह से बनेंगे। चट्टान के ऊपर ओपन 5, वेल के 7 और पाइल 36 फाउंडेशन वाले होंगे।
एसई आरके सोनी ने बताया कि वन विभाग ने तीन प्रमुख शर्ते इसमें रखी है। जिसमें पुलिया के दोनों तरफ वन कार्मिकों के लिए चेक पोस्ट बैरियर बनाना होगा। जिले का चंबल घड़ियाल सेंचुरी में आ रहा है। ऐसे में किसी भी वन्य जीव को चंबल नदी में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए साउंड बैरियर की तरह दोनों तरफ पुलिया को कवर करना होगा। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट लागत का 2 फीसद जमा करवाना होगा, यह करीब दो करोड़ के आसपास है। इसके अलावा छोटी-मोटी शर्त है, जिनमें रात में काम नहीं करना है, कोई सामग्री नदी में नहीं डालनी, जंगल से लकड़ी नहीं लाना, मजदूर व लेबर कैम्प का चंबल नदी के नजदीक नहीं होगा।
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