किशनी विकास खंड- के नगला अहिर स्थित प्राथमिक विद्यालय पर तैनात शिक्षिका से वेतन की जांच की जाएगी। जिला चयन समिति ने वित्त एवं लेखाधिकारी को इस संबंध में पत्र जारी किया है। शिक्षिका ने पांच साल में लगभग 60 लाख रुपये वेतन के रूप में प्राप्त किया है। कन्नौज निवासी शिक्षिका फर्जी अभिलेखों पर नौकरी कर रही थी। जांच के बाद खुलासा हुआ तो उसे बर्खास्त कर दिया गया।
जांच के बाद अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट बीएसए को सौंपी। रिपोर्ट देखकर सभी आश्यर्यचकित रह गए। शिक्षिका के खिलाफ की गई शिकायत सही मिली। उसने एक ही साल में दो अलग-अलग कॉलेजों से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की थी। यही नहीं शिक्षिका ने समान सत्रों में ही बीए और बीएससी की डिग्री एक ही विश्वविद्यालय से ली।
जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने बीती 15 दिसंबर को शिक्षिका के बर्खास्तगी का पत्र तैयार कर जिला चयन समिति को भेजा था। जिला चयन समिति ने 28 दिसंबर को अपने आदेश में शिक्षिका के बर्खास्तगी पत्र को सही पाया। चयन समिति की सहमति के बाद बीएसए ने शिक्षिका की बर्खास्तगी का आदेश बृहस्पतिवार को जारी कर दिया। अब चयन समिति ने शिक्षिका को वेतन के रूप में दी गई धनराशि की रिकवरी के आदेश जारी दिए हैं। इस संबंध में चयन समिति ने वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा है।
यही नहीं बीएसए ने बीईओ को शिक्षिका के विरुद्ध विभाग को गुमराह कर नौकरी हासिल करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। बीएसए ने कहा कि विभाग को पांच साल से शिक्षिका धोखा देकर नौकरी कर रही थी। वित्त एवं लेखाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि शिक्षिका से रिकवरी का पत्र अभी प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र प्राप्त होते ही शिक्षिका से रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। शिक्षिका की बर्खास्तगी की जानकारी समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बाद शिक्षिका के परिजनों ने बीएसए कार्यालय के एक लिपिक को धमकी दी है।
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