कटनी । अपने को बड़वारा थाना प्रभारी बताकर सरपंचाें को मोबाइल पर कॉल कर रुपए मांग कर ठगी करने का प्रयास का मामला सामने आया है। बड़वारा थाना प्रभारी ने ठगी के प्रयास की शिकायत सायबर सेल से की है। जिसके बाद सायबर सेल ने जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में ठगी का प्रयास करने वाले की लोकेशन असम राज्य मिली है।
बड़वारा थाना प्रभारी अंकित मिश्रा ने बताया कि उनके पास गांव के सरंपचों के कॉल आए। सरपंचों द्वारा बताया गया कि अपने आप को बड़वारा थाना प्रभारी बताकर किसी आवश्यक कार्य के लिए 30 से 35 हजार रुपए उधार मांगे जा रहे हैं।
करीब आधा दर्जन सरपंचों ने बड़वारा थाना प्रभारी को इस तरह के कॉल आने की जानकारी दी। थाना प्रभारी ने बताया कि सरपंच उनकी आवाज पहचानते हैं। इसी वजह से उन्होंने ऑनलाइन रुपए भेजने से पहले उनके मोबाइल पर कॉल किया और ठगी से बच गए।
थाना प्रभारी अंकित मिश्रा ने बताया कि उनके द्वारा सायबर सेल में शिकायत कर दी गई है। मोबाइल नंबर किसके नाम पर है।मोबाइल धारक की लोकेशन कहां है। इन सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है
इसके अलावा थाना प्रभारी ने कहा है कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मेरे नाम का और पद का उपयोग कर गूगल पे, फोन पे से पैसे की मांग की जा रही है। आप सभी से मेरी अपील है कि इस नंबर से 9954825383 कॉल आए और पैसे की मांग की जाए तो आप मांगें पूरी नहीं करें। ऐसे फोन कॉल से सावधान और सचेत रहें। ऐसे कॉल आने पर संबंधित थाने में सूचना भी दें।
रीठी थाना प्रभारी सतीश तिवारी के साथ भी कुछ ऐसे ही वाक्य सामने आया है जिस में फर्जी तरीके से थाना प्रभारी के नाम से अवैध वसूली को लेकर चर्चा का विषय बना र हां
कटनी-{रीठी} : – 51 करोड़ 40 लाख की धान हुई खराब 3 साल में उठाव तक नहीं हुआ
किसानों की समस्याएं दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है जिससे किसानों को लाभ मिल सके एवं उनकी परेशानियां दूर हो सके प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद मिलर्स को मिलिंग के लिए देने की प्रक्रिया में मनमानी से अकेले मझगवां ओपन कैप में 2 लाख 79 हजार 350 क्विंटल धान खराब हो गया। इसकी अनुमानित कीमत 51 करोड़ 40 लाख रुपए से अधिक है।
खासबात यह है कि ओपन कैप में धान भंडारण के बाद उसे तीन माह में मिलिंग के लिए देने का प्रावधान है। कटनी जिले के मझगवां में ओपन कैप पर धान का भंडारण 2019 में हुआ था और लगातार 3 साल तक उठाव नहीं हुआ।
विपणन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि मिलर्स द्वारा धान उठाव में आनाकानी की गई और शुरू से ही खराब बताकर दबाव बनाया गया और ऐसी स्थितियां निर्मित हुई। अब नागरिक आपूर्ति निगम (नान) ने धान को मिलिंग योग्य श्रेणी से अलग कर दिया है। धान की इस मात्रा को अन्य उपयोग में नीलामी की तैयारी चल रही है।
इस बारे में जिला विपणन अधिकारी शिखा वर्मा बताती हैं कि मझगवां ओपन कैप में 27 हजार 935 मिट्रिक धान को मिलिंग योग्य श्रेणी से अलग कर नीलामी की तैयारी है। वैसे तीन साल बाद भी धान की 60 प्रतिशत से ज्यादा मात्रा सही है। समय पर मिलिंग के लिए उठाव नहीं होने के कारण ऐसा हुआ।
राष्ट्रीय जजमेंट संवाददाता कटनी से श्यामलाल सूर्यवंशी की रिपोर्ट
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