कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अौर मंत्री ने भरी जनसभा में अपने सरकार के कदम को गलत बताया और माफी मांगी। राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने पहली बार सार्वजनिक रूप से कहा कि इस साल के शुरूआत में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को लिंगायत समुदाय के मामले में किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए थी।
राज्य के गडग में रामभापुरी सेर वीरा सोमेश्वर शिवचार्य स्वामी के दशहरा सम्मेलन में बोलते हुए शिवकुमार ने कहा, “हमारी पार्टी ने इस राज्य में बड़ी गलती की है। मैं इससे इंकार नहीं करता हूं। मुझे ऐसा लगता है कि किसी भी सरकार को जाति और धर्म से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
यह हमारी सरकार द्वारा किया गया अपराध था। कई मंत्रियों अौर नेताओं ने इस मुद्दे पर बोला, लेकिन चुनाव में जनता द्वारा दिया गया जनदेश इस बात का सबूत है कि सरकारों को इन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यदि हमारी सरकार ने गलती की है, तो मैं आपलोगों से माफी मांगता हूं।”
बता दें कि वीरा सोमेश्वर ने लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक समूह की मान्यता देने का जोरदार विरोध किया था। वीरा सोमेश्वर गडक में प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के धर्मगुरु हैं। कर्नाटक के उत्तरी हिस्से में लिंगायत समुदाय की बड़ी जनसंख्या है।
Our govt committed big mistake.Political parties shouldn't interfere in religious matters. Many ministers,leaders spoke about it but election verdict is proof, it was a mistake. No political party should do politics with religion:K'taka Min DK Shivakumar on Lingayat issue (17.10) pic.twitter.com/hiu357YOaM
— ANI (@ANI) October 18, 2018