अफ़ग़ानिस्तान में गहराते मानवीय संकट और ढहती अर्थव्यवस्था को लेकर इस्लामिक देश रविवार को पाकिस्तान की संसद में जुटने जा रहे हैं अफ़ग़ानिस्तान के हालात को लेकर इसे अब तक की सबसे बड़ी बैठक बताया जा रहा है OIC के विदेश मंत्रियों के परिषद के इस ‘असाधारण सत्र’ में मुस्लिम देशों के अलावा अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, जापान, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, फ़्रांस समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने शनिवार को ट्वीट किया कि यह सत्र अफ़ग़ान लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए है सऊदी अरब के प्रस्ताव के बाद पाकिस्तान ने इस सम्मेलन की मेज़बानी का प्रस्ताव दिया था
सत्र की शुरुआत से पहले इमरान ख़ान ने ट्वीट किया है, “OIC सदस्यों, पर्यवेक्षकों, दोस्तों, साझेदारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करता हूँ.”इसके बाद इमरान ख़ान ने कहा कि ‘OIC के विदेश मंत्रियों के परिषद का यह असाधारण सत्र अफ़ग़ान जनता के साथ एकजुटता दिखाने की अभिव्यक्ति और अफ़ग़ानिस्तान में गंभीर होती मानवीय स्थिति पर हमारी सामूहिक ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए है
इसके साथ ही इमरान ख़ान ने कहा है कि वो सम्मेलन को लेकर उत्सुक हैं.अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन के कार्यकारी विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्तक़ी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान पहुँच चुके हैं अफ़ग़ानिस्तान में ख़राब होती मानवीय स्थिति और गहराते आर्थिक संकट पर हो रही इस बैठक पर मुत्तक़ी ने काबुल में पत्रकारों से कहा कि इस बैठक में अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक और मानवीय हालात पर चर्चा होगी
इसके साथ ही मुत्तक़ी ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के भविष्य में दूसरे देशों से बनने वाले संबंधों पर भी बात होगी. उन्होंने कहा कि यह बैठक अफ़ग़ानिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया से ‘इस्लामी अमीरात के संबंधों पर इसका सकारात्मक असर होगा.’मुत्तक़ी ने कहा, “यह पहली बार है जब अफ़ग़ानिस्तान को लेकर इस्लामी देश इस तरह की कोई बैठक कर रहे हैं
दुनिया से हमारी ख़ास मांग ये है कि अफ़ग़ानिस्तान को मानवीय सहायता मुहैया कराने के साथ-साथ राजनीतिक समर्थन भी दिया जाए. हम अपने भविष्य के रिश्तों को लेकर भी बात करेंगे.”इस्लामाबाद में आज जहाँ मुस्लिम देशों का जमावड़ा लगने जा रहा है, वहीं भारत में मध्य एशिया के मुस्लिम बहुल देशों के विदेश मंत्री दिल्ली में बैठक करने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि एक प्रकार से यह पाकिस्तान प्रायोजित OIC की बैठक का जवाब है
इंडिया-सेंट्रल एशिया डायलॉग की एकदिवसीय बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर करने जा रहे हैं. इस बैठक में शामिल होने के लिए कज़ाख़स्तान, किर्गीज़ रिपब्लिक, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान के विदेश मंत्री दिल्ली आ रहे हैं.
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