नई दिल्ली: दिल्ली के नोर्थ जिले के साइबर पुलिस स्टेंशन के स्टाफ ने क्रिप्टो ट्रेडिंग में निवेश पर उच्च रिटर्न के बहाने धोखाधड़ी करने के एक जालसाज को गिरफ्तार किया है। गिरफ़्तार आरोपी की पहचान 19 वर्षीय नरेंद्र चौधरी निवासी ग्राम कुंदेरा सवाई माधोपुर, राजस्थान के रूप में हुई है। इसके पास से एक मोबाइल फोन के साथ सिम कार्ड का इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया और उसके बैंक खाते से जुडे पेटीएम खाता को जप्त कर लिया गया है। आरोपी मोबाइल रिपेयरिंग और एसेसरीज की दुकान चलाता था।
नोर्थ जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि साइबर थाने में साइबर पोर्टल के माध्यम से एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि 21 फरवरी को क्रिप्टो और बिटकॉइन में मार्केटिंग और म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर बहुत अधिक रिटर्न मिलेगा ऐसा बताने वाली एक टेलीग्राम ग्रुप में शामिल हो गया। निवेश के इच्छुक लोगों के लिए उसी ग्रुप में एक मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया गया। वह दिए गए नंबर से जुड़ गया और व्हाट्स एप पर मैसेज आने लगा। उस व्यक्ति ने खुद को बोनेश मीणा बताया।
शिकायतकर्ता को दी गई यूपीआई आईडी पर दस हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कहा। शिकायतकर्ता ने रुपये हस्तांतरित किए। बोनेश मीणा ने व्हाट्सएप पर मैसेज किया कि उन्हें एक महीने के लिए जीएसटी के रूप में छह हजार रुपये का भुगतान करना है और उसी के लिए एक नई यूपीआई आईडी प्रदान की, पीडि़त ने पेटीएम के माध्यम से छह हजार रुपये स्थानांतरित किए। बोनेश ने फिर उसे फोन किया और कहा कि उसका मुनाफा बुक हो गया है और फिर से बारह हजार रुपए मांगे कमीशन के रूप में। पेटीएम के माध्यम से बोनेश मीणा को सॉफ्टवेयर निकासी शुल्क के रूप में पंद्रह हजार रुपये हस्तांतरित किए। इसी तरह बोनेश मीणा को कमीशन के रूप में दो हज़ार रुपये ट्रांसफर किए और आश्वासन मिला कि उन्हें उसी दिन रिटर्न मिल जाएगा। कोई रिटर्न नहीं मिला। इसके अलावा उन्हें पेमेंट और रिटर्न की जानकारी के लिए एक और नंबर/यूपीआई आईडी मुहैया कराया गया। शिकायतकर्ता ने दोबारा कमीशन के नाम पर पेटीएम के जरिए दो हजार रुपए ट्रांसफर किए। शिकायतकर्ता के फोन नंबर को ब्लॉक कर दिया और उसे कोई रिटर्न नहीं मिला।
डीसीपी ने बताया कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स और मनी ट्रेल का विस्तृत तकनीकी विश्लेषण किया। इसके बाद पुलिस टीम ने संदिग्ध मोबाइल नंबरों की लगातार निगरानी की, जो कथित कॉलिंग नंबर गांव-कुंडेरा, सवाई माधोपुर, राजस्थान के स्थान पर शून्य हो गया। धोखेबाज़ों द्वारा उपयोग किए गए सभी मोबाइल नंबरों के लिए कॉल डिटेल रिकॉर्ड और ग्राहक आवेदन फॉर्म प्राप्त किए गए। ठगी गई राशि के लाभार्थी के बैंक खाते के विवरण के साथ-साथ लाभार्थी के पेटीएम खाते का विवरण संबंधित बैंकों और पेटीएम से प्राप्त किया गया था। राजस्थान क्षेत्र में छापेमारी की गई और आरोपी नरेंद्र चौधरी निवासी ग्राम कुंदेरा, थाना कुंदेरा, जिला सवाई माधोपुर, राजस्थान,से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान, आरोपी ने खुलासा किया कि वह एक नाबालिक के साथ काम कर रहा है, जिसकी उम्र लगभग 15-16 साल है और कुंदेरा गांव, सवाई माधोपुर और अन्य आसपास के गांवों से काम कर रहे थे। अभियुक्तों ने यह भी खुलासा किया कि वे क्रिप्टो निवेश में उच्च रिटर्न देने करने के बहाने निर्दोष लोगों को ठग रहे हैं। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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