फिरोजाबाद: हड़ताल रोकने के लिए जिलाधिकारी ने कर्मचारी संगठनों के साथ की वार्ता

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मो० सनी
फिरोजाबाद, । एन0पी0एस0 के तहत ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण, सामूहिक बीमा, चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति पूर्व की भांति अनुमन्य

 

पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।
इस दौरान कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही जिन कर्मचारियों के खाते नहीं खुले हैं उनके कैंप लगाकर खाते खुलवाने की व्यवस्था की जाएगी।
यह जानकारी जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों को बुधवार को कलेक्ट्रेट में वार्ता के दौरान दी।
वार्ता करते हुए उन्होने बताया कि नई पेंशन स्कीम के तहत प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती कर जमा करने के साथ ही 10 प्रतिशत धनराशि सरकार जमा करेगी।
यह धनराशि 60 साल की आयु पूरी करने के बाद मिलेगी। इसके अलावा कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, अवकाश, नगरीकरण, बीमा पूर्व की भांति रहेगा।
डीएम ने बताया कि सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए हैं जिसके तहत कार्य नहीं तो वेतन नहीं का सिद्धांत इस दौरान लागू किया जाएगा। कर्मचारियों को कार्य बहिष्कार करने से रोका जाएगा।
सामूहिक रूप से एनपीएस के बारे में विभिन्न संगठनों को जागरूक किया जाएगा। उन्होने कर्मचारी संगठनों से यह अपेक्षा की कि वह राष्ट्रहित को सर्वाेपरि रखते हुये शासन प्रशासन का सहयोग करें।
उन्होने बताया कि शासन कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है और कर्मचारी हित को सर्वोपरि रखा जायेगा।
इसके साथ ही उन्होने बताया कि जो लोग हड़ताल में शामिल नही होेना चाहते उन्हे कार्य किये जाने हेतु संरक्षण प्रदान किया जायेगा और वह निर्बाध रूप से अपना कार्य कर सकेंगे।
उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश अपने राज्य कर्मचारियों को सर्वोत्तम वेतन-भत्ते व पेंशनरी लाभ देने वाला अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जा चुकी हैं।
इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा मकान किराया भत्ता एवं नगर प्रतिकर भत्ता, दोनों को बढ़ाकर लगभग दोगुना किया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एन0पी0एस0) में कर्मचारियों के हित पूर्णतया सुरक्षित हैं। यह केन्द्र सरकार व देश के लगभग सभी राज्यों में एक दशक से अधिक समय से लागू है।
इसके तहत ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण, सामूहिक बीमा, चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति पूर्व की भांति अनुमन्य हैं। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में जमा धनराशि पूर्णतया सुरक्षित है।
पीएफआरडीए की गाइड लाइन के अनुरूप पेंशन खाते मे जमा राशि के 86 प्रतिशत का निवेश पूर्णतया सुरक्षित सरकारी प्रतिभूतियों और बन्ध पत्रों तथा शेष 14 प्रतिशत का निवेश उच्च रिटर्न देने वाले अंशको में किया जायेगा।
कर्मचारियों के वेतन से की गई कटौती और नियोक्ता अंशदान की 9,200 करोड़ रुपए की धनराशि कर्मचारियों के पेंशन खातों में जमा है। मात्र 185 करोड़ रुपए की धनराशि राज्य सरकार के लोक लेखा खाते में है,
जिसे राज्य सरकार द्वारा अद्यावधिक ब्याज के साथ पेंशन खाते में जमा कराए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जिलाधिकारी ने बताया कि कर्तव्य पालन के दौरान कर्मचारी की मृत्यु/विकलांगता पर असाधारण पेंशन/विकलांगता पेंशन पूर्व की भांति अनुमन्य हैं।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आच्छादित ऐसे कार्मिक, जिनका पेंशन खाता नहीं खुला या जिनके पेंशन खाते में कटौती नहीं हुई, उनकी सेवाकाल के दौरान मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को भी पारिवारिक पेंशन की सुविधा पूर्व की भांति दी जा रही है।
जिलाधिकारी ने कहा कि कर्मचारी की सेवारत मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार के सदस्यों को पारिवारिक पेंशन की सुविधा (पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप) अथवा एन0पी0एस0 के अंतर्गत भुगतान में से किसी एक को प्राप्त करने का विकल्प दिया गया है।
कर्मचारी की सेवाकाल में मृत्यु होने पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत पारिवारिक पेंशन हेतु पात्र सदस्य के न होने पर नाॅमिनी को न केवल उपर्युक्तानुसार मृत्यु ग्रेच्युटी अनुमन्य है,
अपितु एन0पी0एस0 खाते में जमा समस्त संचित पेंशन निधि का भुगतान भी नाॅमिनी को प्राप्त होगा।
जिलाधिकारी ने कर्मचारियों को उपलब्ध कराए जा रहे अन्य लाभों के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा सेवाकाल में आकस्मिक स्थितियों में जैसे बीमारी, बच्चों का विवाह,
उच्चतर शिक्षा, मकान/फ्लैट निर्माण/क्रय आदि के लिए एन0पी0एस0 खाते से आंशिक प्रत्याहरण की सुविधा भी प्रदान की गयी है। जिलाधिकारी ने बताया कि
आयकर अधिनियम में पुरानी पेंशन योजना के अधीन ग्राह्य जी0पी0एफ0 सहित समस्त बचतों पर अधिकतम 1.50 लाख रुपए की छूट अनुमन्य है, जबकि एन0पी0एस0 के अंतर्गत इस छूट की अधिकतम सीमा 02 लाख रुपए है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से निकासी पर एन्युटी के क्रय हेतु निवेशित न्यूनतम 40 प्रतिशत धनराशि आयकर से मुक्त है, जबकि शेष 60 प्रतिशत तक नगद भुगतान की धनराशि में से 40 प्रतिशत भी आयकर से मुक्त है।
बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी अतुल सिंह, डिप्टी कलेक्टर देवेन्द्र सिंह, लटूरी सिंह, डा0 शौर्य देवमणि, प्रेम प्रकाश कुशवाहा,
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चंद्रसेन यादव, मुलायम सिंह सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि और सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहें।

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