मोरमुगाओ ये युद्धपोत ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है.दुश्मन का राडार आसानी से मोरमुगाओ को लोकेट नहीं कर पाएगा. हिंद महासागर में आईएनएस मोरमुगाओ चीन के लिये सबसे बड़ी चुनौती बनने जा रहा है.
भारतीय नौसेना के मुताबिक मोरमुगाओ दूर सवेदी उपकरणों, आधुनिक राडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसे हथियार प्रणालियों से लेंस है.
मीडिया से बात चीत के दौरान भारतीय नौसेना ने बताया कि मोरमुगाओ की लम्बाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन की बात करें तो 7400 टन है. इसे भारत द्वारा निर्मति सबसे घातक युद्ध पोतों में गिना जा रह है.
नौसेना ने कहा कि पोत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है तथा पोत में रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था है. पोत परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों के दौरान लड़ने में सक्षम है.
नौसेना ने आगे कहा कि मोरमुगाओ की खास बात यह है कि इस युद्धपोत में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण रूप से स्वदेशी है और इसे हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत निर्मित किया गया है.
इस युद्पोत में लगभग 300 के करीब ऑफिसर ऑपरेट करते है. आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण के दृढ़ निश्चय के साथ 44 पोतों और पनडुब्बियों में से 42 का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है तथा इस तरह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाया जा रहा है.
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