आगरा: एसटीएफ ने फौजी बनकर बैंक से लोन लेने के मामले में जगदीशपुरा निवासी दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने संजय प्लेस स्थित आईसीआईसीआई बैंक से फर्जी दस्तावेज की मदद से पांच करोड़ रुपये का लोन लिया था। दोनों को रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया ।
गैंग का मास्टरमाइंड बैंक का कर्मचारी आर्यन उर्फ अमित फरार है। गैंग में और भी सदस्य हैं। पुलिस टीम उनकी तलाश कर रही है। इस मामले में थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज हुआ है। एसटीएफ आगरा इकाई के निरीक्षक हुकुम सिंह ने बताया कि संजय प्लेस स्थित एक निजी बैंक से सूचना मिली कि फर्जी दस्तावेजों से लोन लिए गए हैं। एक साल के अंदर पांच करोड़ रुपये के लोन कराए गए हैं। इनकी किश्त भी जमा कराई जा रही हैं। इस पर टीम को लगाया गया।
उसने बताया कि उसने कभी लोन नहीं लिया। इसके बावजूद बैंक में उसके नाम से दस्तावेज लगा दिए गए हैं। रविवार रात को मुखबिर की सूचना पर टीम संजय प्लेस स्थित कपड़ा मार्केट में एक दुकान पर पहुंची। यहां पर आवास विकास कालोनी सेक्टर आठ, नगला अजीता निवासी संदीप शर्मा कंप्यूटर का कार्य कर रहा था। उनकी निशानदेही पर नगला अजीता के ही अरुण पाराशर को पकड़ लिया। उसके पास से स्विफ्ट गाड़ी मिली। दोनों फर्जीवाड़ा करके लोन लेते थे।
आरोपियों के पास से 4.89 लाख रुपये, एक कंप्यूटर, एक प्रिंटर, एक कार, पांच बैंक से संबंधित फर्जी रजिस्ट्री प्रपत्र, 13 फर्जी रजिस्ट्री डीड, चार मोबाइल, तीन एटीएम कार्ड, 19 मुहरें, पेन ड्राइव आदि बरामद किया गया। पुलिस की पूछताछ में संदीप शर्मा ने बताया कि वह फर्जी दस्तावेज, मुहरें, एडीए, पुलिस, शिक्षा विभाग, नगर निगम, सेना के परिचयपत्र बनाकर बैंक में लगाता है।
बैंक के कर्मचारी आर्यन कुमार उर्फ अमित कुमार उनकी मदद करता है। लोन लेने के लिए खुद को फौजी दर्शाते हैं। भारतीय सेना का परिचयपत्र, मतदाता पत्र तैयार कराकर लगाते थे। अब तक पांच करोड़ रुपये का लोन ले चुके हैं। उनके साथ अरुण पाराशर उर्फ सोमी, मनोज, निशांत शर्मा उर्फ टिंकी, नीरज कुमार और रिंकी के अलावा कई और लोग शामिल हैं।
जबरन धर्मांतरण के बाद निकाह करने का पिता ने लगाया आरोप
आगरा: शमसाबाद से 5 अगस्त को एक युवती का अपहरण कर लिया गया। इस मामले में उसके परिजनों ने दूसरे समुदाय के एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। बेटी को नाबालिग दर्शाया गया मगर पुलिस की जांच में हाईस्कूल की अंकतालिका के आधार पर वह बालिग निकली।
अब परिजनों ने युवक पर युवती का जबरन धर्मांतरण कराकर निकाह कराने का आरोप लगाया है। परिजनों के अनुसार उनकी बेटी को पांच अगस्त को क्षेत्र का युवक ले गया था। पुलिस ने नौ अगस्त को मुकदमा दर्ज किया। इसमें पिता ने बेटी को नाबालिग दर्शाया।
आरोप है कि पुलिस ने बरामदगी के प्रयास नहीं किए। रविवार को पिता ने आईजी और एसएसपी ऑफिस में प्रार्थनापत्र दिया। इसमें आरोप लगाया कि युवक और उसके घरवालों ने बेटी को जबरन धर्मांतरण कराकर निकाह कराया है। बेटी की बरामदगी की मांग की।
एसपी आरए पूर्वी के. वेंकट अशोक ने बताया कि अपहृत के नाबालिग होने की बात कही गई थी। मगर शैक्षिक प्रमाणपत्र में वह बालिग निकली। युवती की बरामदगी और युवक की गिरफ्तारी के लिए टीम को लगाया गया है। युवती के बरामद होने पर कोर्ट में बयान दर्ज कराए जाएंगे। अगर, धर्मांतरण का आरोप सही निकलता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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