रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी करने वालों में अब नया नाम सपा नेता और MLC स्वामी प्रसाद मौर्य का जुड़ा है. स्वामी प्रसाद मौर्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह यह कहते नजर आ रहे हैं कि रामचरितमानस में शूद्रों का अपमान किया गया. उन्होंने यह कहा कि ऐसी पुस्तकों से इन दोहों चौपाइयों को हटाना चाहिए या फिर इन्हें प्रतिबंधित करना चाहिए
स्वामी प्रसाद मौर्य एक निजी चैनल पर बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों का हवाला देते हुए बताया कि ब्राह्मण चाहे गुणहीन ही हो, उसकी पूजा करनी चाहिए. वहीं, शूद्र चाहे वेद भी जानता हो वह पूजनीय नहीं है. क्या यही धर्म है? करोड़ों लोग रामचरितमानस को नहीं गाते हैं. मौर्य के बयान के बाद विरोध भी शुरू हो गया है. बयान को लेकर कई लोगों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, स्वामी प्रसाद का बयान मजम्मत करने वाला है. चाहे गीता हो, रामायण हो या फिर कुरान या बाइबल, किसी भी धर्म की पुस्तक पर बोलने से पहले उसे जानकारों से उस बारे में पूछना चाहिए
अयोध्या के संतों ने भी खरी-खरी सुनाई है. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, रामायण में किसी भी व्यक्ति या जाति के उत्पीड़न की बात नहीं है. यह पूजनीय ग्रंथ है.
Comments are closed.