सवाल करने वाला मीडिया ही अब ज्यादा सवालों में रहने लगा है, राख होती जा रही है मीडिया की साख!
जनता में मीडिया को किस नज़रिए से देखा जाने लगा है ये किसी से छुपा नहीं है। माइक आईडी और खबर का लहजा समझते ही खबर को तैयार करने में दृष्टिकोण से ज्यादा कोण यानी एंगिल प्रभावी होता है जो ये बताता है कि ‘नेपथ्य’ के ‘घटनाक्रम’ क्या रहे होंगे।…