जूता है तो सबकुछ मुमकिन है!
भारतखंडे आर्यावर्ते जूता पुराणे प्रथमो अध्यायः। मित्रों! अब तो आप मेरा इशारा समझ गए होंगे, क्योंकि आप बेहद अक्ल और हुनरमंद हैं। आजकल जूता यानी पादुका संस्कृति हमारे संस्कार में बेहद गहरी पैठा बना चुकी है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए…