मजलूमों की तकलीफदेह हालत को देखने के बाद हुक्मरानों को शरम-हइया क्यों नहीं आती ?
इस डरावने माहौल मेंअधिकांश मीडिया अपनी यथार्थवादी भूमिका में लौटता दिखा
अफरातफरी के दौर और डरावने माहौल में बहुत दिन बाद कुछ भक्त, दलाल या थूकचाटु पत्रकारों को छोड़ दें तो अधिकांश मीडिया अपनी यथार्थवादी भूमिका में लौटता दिखा है. मजबूरों की…