मानव की मानसिकता
राष्ट्रीय जजमेंट
मानव गलत करेगा तो उसको भय होगा ही होगा । आज के दौर में दूसरों की सराहना प्रशंसा करने का रिवाज घटते जा रहा है।दुसरो शब्दों में कहें तो दूसरे की तारीफ करने में स्वार्थ - वश ख़ुद की जुबान पर ताला लगने का रिवाज बढ़ते जा रहा है।…