हे “मी टू”……………..
तुमने हमें रावण बना दिया
न रण था नहीं ही कोई प्रण था।
लेकिन जिंदगी का वह भी छण था ।
याद है न ?
जब हमने उधर देख कर सिर्फ मुस्करा ही दिया था
तुमने मुझे रावण बना दिया था।
वह पर स्त्री नहीं
मैं हर्ता भी नहीं था
कैसे कहूँ?
मेरा यस तुझे…