यह मामला शीश का भी है और दिलों का भी: कुमार विश्वास
प्रत्येक देशवासी की तरह हाजी पंडित भी दुःख और गुस्से के मिले-जुले भाव में दिख रहे थे। मैंने कहा, ‘इलाज तो है। लेकिन कोई करने को तैयार तो हो!’ हाजी बिना आंखें उठाए जानने को उत्सुक हुए, ‘लेकिन शुरू कहां से करें?’ रोष मुझमें भी बहुत था, ‘मैंने…