जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा भारतीय झंडा संहिता 2002 में 20 जुलाई 2022 को एक आदेश के जरिए संशोधन किया गया है, जिसके अनुसार जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, उसे दिन-रात फहराया जा सकता है। इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।
डीएम ने बताया कि इसी तरह झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में भी बदलाव किया गया है। राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कॉटन, पॉलिस्टर, ऊन, रेशमी खादी से बना हो सकता है। इससे पहले मशीन से बने और पॉलिस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी।
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