अखबार प्रकाशक बंधुओं आंदोलन के लिए हो जाओ तैयार

अखबार प्रकाशक बंधुओं जागृत हो जाओ अन्यथा छोटे व मझौले अखबारों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जायेगा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 की आचार संहिता लागू होने के बाद से 5 अभी तक छोटे व मझोले अखबारों को कोई भी सजावटी विज्ञापन सूचना निदेशालय ने जारी नहीं किया है। जब कि बड़े समाचार पत्रों को अनेको विज्ञापन सूचना निदेशालय ने जारी किये है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार बड़े अखबारों को ही पोषित करना चाहती है ।
उच्चतम न्यायालय के निर्णय मे 13 मई 2015 में सभी अखबारों को समानता के आधार पर विज्ञापन देने का निर्देश दिया गया है । सरकार की सभी नीतियों का छोटे व मझोले अखबार ही सही तरीके से प्रचारित व प्रसारित करते है ।
शासन व प्रशासन से अनेको बार अनुरोध किया जा चुका है। अब ऐसा लगता है कि किसी योजना के अंतर्गत ही छोटे व मझोले अखबारों का शोषण किया जा रहा है । अपर मुख्य सचिव सूचना डॉ नवनीत सहगल व सूचना निदेशक शिशिर से भी अनेकों बार इस समस्या का समाधान करने का अनुरोध किया जा चुका है।
अब प्रकाशक बंधुओं जागृत हो जाओ अन्यथा छोटे व मझौले अखबारों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जायेगा । उत्तर प्रदेश के हर जिले से अखबारों के प्रकाशकों को लखनऊ आकर आंदोलन करने की जरूरत है। अब तत्काल ही आंदोलन करना चाहिए ।

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