प्रदेश में छाया कोयला संकट, कोयले की कमी के चलते बढ़ सकती है बिजली कटौती

बढ़ती गर्मी की वजह से उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग भी बढ़ गई है। मांग और उत्पादन में बड़े अंतर की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में निर्धारित रोस्टर के हिसाब से लोगों को बिजली मुहैया नहीं हो पा रही है। इसलिए लोग परेशान हैं। विपक्ष सवाल उठा रहा है तो सरकार बढ़ते तापमान को वजह बता रही है।
जरूरत के मुताबिक नहीं है कोयला
इस बीच सच्चाई यह भी है कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले की उपलब्धता जरूरत के मुकाबले काफी कम है। इसी परेशानी को देखते हुए यूपी सरकार कोयले के स्टॉक को बढ़ाने के लिए लगातार कोयला मंगवा रही है। ऐसे में जरूरी है कि कोयले की समय पर डिलीवरी हो। इसके लिए उत्तर रेलवे ने 28 अप्रैल से अगले आदेश तक 8 पैसेंजर्स ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है।
कोरोना काल में आई थी ऑक्सीजन
आपको याद होगा यूपी में कोरोना के दौरान आक्सीजन पहुंचाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल किया गया था। इनके लिए सेफ पैसेज बनाए गये थे। अब कोयले को भी तय समय पर बिना किसी रुकावट यूपी में पहुंचाने के लिए कोयले की ट्रेनों को सेफ पैसेज के देने लिए पैसेंजर्स ट्रेनों को रद्द किया गया है। भारत में 70% बिजली का उत्पादन कोयले से होता है, लेकिन कोयले के ट्रांसपोर्ट के लिए रेलवे रैक की उपलब्धता कम होने और कोयले के आयात में कमी के कारण सप्लाई बाधित हुई है। यूपी में इसी समस्या को दूर करने के लिए रेलवे ने पहल की है।
उत्तर रेलवे, मुरादाबाद मंडल की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसके अनुसार,” बिजली स्टेशनों को कोयले की निर्बाध और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए कोयला ढोने वाली मालगाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है। इस वजह से 28 अप्रैल से अगले आदेश तक 8 यात्री ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया गया है।

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