दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा, 65 हजार का अर्थदंड

अलीगढ़ एडीजे-पॉक्सो कोर्ट नंद प्रताप ओझा की अदालत से बुधवार को एक नाबालिग को जबरन घर में रखने और दुष्कर्म करने के आरोपी को दोषी पाया गया। दोष सिद्ध होने पर उसको 20 साल की सजा और 65 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
जुर्माना राशि में से 30 हजार रुपये पीड़ित को देने के आदेश भी कोर्ट ने जारी किया है,अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह ने बताया कि 12 अक्तूबर 2019 की घटना है। गभाना इलाके की दसवीं की छात्रा/किशोरी स्कूल गई थी। मगर, वह लौटकर घर नहीं पहुंची थी। उसके पिता ने कई बार पुलिस का दरवाजा खटखटाया। मगर, हर बार पुलिस ने टरका दिया।करीब एक वर्ष बाद उनकी बेटी ने एक अज्ञात नंबर से फोन किया।
बताया कि उसे धर्मेंद्र निवासी कुशवाह गांव, अवागढ़, एटा अपने घर में जबरन रखे हुए हैं। वह मूल रूप से जलेसर का रहने वाला है। पत्नी की तरह रखता है और जबरन दुष्कर्म करता है। पिता ने इस मामले में एसएसपी कार्यालय जाकर एसएसपी से शिकायत की,एसएसपी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद तलाश शुरू हुई, कॉल किए जाने वाले नंबर को सर्विलांस पर लिया गया। वहां से पता लगा कि आरोपी धर्मेंद्र एटा के अवागढ़ स्थित कुशवाह गांव में है।
पुलिस वहां पहुंच ही रही थी कि उसे किसी प्रकार से इसकी भनक लग गई। वह किशोरी को लेकर दिल्ली के लिए निकल दिया। मगर, उसे दिल्ली न ले जाकर मेहरावल पर छोड़ गया। 23 अक्टूबर 2020 को किशोरी को मेहरावल के पास से पुलिस ने बरामद किया। किशोरी का मेडिकल परीक्षण व न्यायालय में बयान के आधार पर पॉक्सो व दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा हुआ। आरोपी की गिरफ्तारी हुई। अब एडीजे-पॉक्सो नंद प्रताप ओझा ने आरोपी धर्मेंद्र को दोषी पाते हुए 20 साल की सजा और 65 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।

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