बैठक में सीएम योगी के सख्त निर्देश : मंत्रियों को दिया 100 दिन का टारगेट, फेल हुए तो ……

25 मार्च को शपथ लेने के बाद सीएम योगी ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। सरकार के गठन और विभागों के बंटवारे के बाद अब नजर मंत्रियों के काम-काज पर है। कल योगी का फैसला आया था कि मंत्रियों को पुराने स्टाफ रखने की छूट नहीं मिली। उसी तरह वे अपनी पसंद से निजी स्टाफ भी नहीं रख सकेंगे।
अब आज, योगी फिर से फायर हो गए हैं। विधानसभा में कल मंगलवार को उनकी मुस्कुराहट ने जो भी संकेत दिए हों, उनके फैसले बता रहे हैं कि मंत्रियों की डगर इस बार कठिन ही रहेगी। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी सरकार की अपनी यूएसपी को इस सरकार में भी बनाए रखने के लिए सीएम ने तीन कड़े फैसले किए हैं।
सीएम ने मंत्रियों को दिया 100 दिन का टारगेट
यूपी सरकार के नव-निर्वाचित सभी मंत्रियों को सीएम योगी ने 100 दिन का टारगेट दिया है। इस 100 दिन के अंदर सभी मंत्रियों को अपने -अपने विभागों की समीक्षा करनी होगी। इस समीक्षा के आधार पर काम की योजना तैयार कर मास्टर प्लान बनाना होगा।
कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां सम्बंधित मंत्री द्वारा ही दी जाएंगी। विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव केवल सहायता के लिए वहां मौजूद होंगे। साथ ही, सचिव या निचले स्तर के अधिकारी सीएम को ब्रीफिंग नहीं देंगे।
मंत्रियों को अपनी रिपोर्ट में सीएम योगी को को बताना होगा कि वह अगले 100 दिन में क्या करेंगे। विभाग में नया क्या करना होगा। साथ ही डिजिटलाइजेशन के काम को भी विभाग में आगे बढ़ाना है।
इससे पहले पहली सरकार में सीएम योगी ने खुद सभी विभागों की लगातार समीक्षा बैठक की थी। उस बैठक में भी विभाग के अधिकारियों के साथ ही विभागीय मंत्री शामिल रहते थे। इस बार विभागीय मंत्रियों को अपने अधिकारियों के साथ समीक्षा करनी होगी।

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