सपा के कई एमएलसी प्रत्याशियों के नाम के आगे से यादव सरनेम गायब, जानिए छुपाने की वजह

विधान परिषद चुनाव के लिए ज्यादातर यादव प्रत्याशी घोषित करने आरोप से घिरी सपा ने इससे बचने के लिए नया पैंतरा अपनाया है। कई प्रत्याशियों ने नाम के आगे से यादव सरनेम हटा लिया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने सूची में यादव प्रत्याशियों को प्राथमिकता दी है। ऐसे में कई प्रत्याशियों ने अपने नाम के आगे से यादव सरनेम हटा लिया है।
बताते चलें कि यूपी की 36 सीटों पर निकाय के एमएलसी चुनाव होने हैं। सपा ने 34 और दो प्रत्याशी रालोद के हैं जो गठबंधन से चुनाव लड़ रहे हैं। सपा के प्रत्याशियों की जारी की गई पहली सूची में 21 यादव हैं। दूसरे समाज के लोगों को उनको हिसाब से प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने की आलोचना सोशल मीडिया में की जी रही है। इसमें खासकर मुस्लिम समाज के लोगों को टिकट नहीं देने की बात सामने आ रही है।
बड़े नामों ने चुनाव लड़ने से किया इनकार
सपा के 34 में 21 यादव, चार ब्राह्मण, चार मुस्लिम, एक जाट, एक प्रजापति, एक शाक्य, एक कुर्मी और एक ठाकुर प्रत्याशी है। इसमें सिर्फ 11 प्रत्याशी ही पुराने हैं, बाकी 23 प्रत्याशी नए हैं। एमएलसी चुनाव में पिछले चार बार से सत्ताधारी दल का कब्जा होता रहा है। ऐसे में कई बड़े नेताओं ने डर की वजह से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। इसमें कई ऐसे भी है जो वर्तमान में एमएलसी है, लेकिन उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। सत्ता में रहने के दौरान तो उन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन अब पार्टी विपक्ष में है तो वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More