महाशिवरात्रि पर रामेश्वरनाथ मंदिर, कालेश्वरनाथ मंदिर व अन्य शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, लगे बम-बम भोले के जयकारे

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

कम्पिल/फर्रुखाबाद : महाशिवरात्रि पर शिवालयों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिले के सबसे प्रमुख शिव मंदिर श्री रामेश्वरनाथ कम्पिल में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। हजारों नर नारियों ने श्रद्धा भाव से रामेश्वर नाथ उपज्योर्तिलिंग पर रूद्राभिषेक, दुग्धाभिषेक और शिवलिंग पर श्रद्धालुओं ने बेल पत्र, धतूरा,फल फूल से श्रंगार कर पूजन अर्चना की l शिव भक्तो द्वारा भोले नाथ के जयकारों से शिवालय गूंज उठा।

कंपिल स्थित रामेश्वर नाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग के संबंध में पौराणिक मान्यता है कि यह वह त्र्यम्बक नामक शिवलिंग है जिसकी पूजा कर कुबेर धनाधीश हुए। बाद में रावण कुबेर को जीत कर इस शिव लिंग को पुष्पक विमान के साथ लंका ले गया और चंडीश्वर के नाम से इसकी पूजा कर त्रिलोेक विजेता बना। लंका प्रवास के दौरान सीता जी अशोक वन में इस शिवलिंग की पूजा किया करती थीं।

लंका विजय के बाद भगवान राम इसे अयोध्या ले आए थे। उन्होंने अपने अनुज शत्रुघ्न को मथुरा में लवणासुर का वध करने जाते समय इस शिवलिंग को पवित्र स्थल पर स्थापित करने को दिया था। शत्रुघ्न ने गंगातट कंपिल में इस शिवलिंग को स्थापित किया। इस कारण इसे उपज्योर्तिलिंग की मान्यता मिली तथा शिवलिंग के पूजन की महत्ता सेतुबंध रामेश्वरम में स्थापित शिवलिंग के बाद दूसरे स्थान की मिली।

शिवरात्रि पर रामेश्वर नाथ मंदिर में प्रात: से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुबह से ही बमबम भोले, हर हर महादेव, ओम नम: शिवाय के स्वर गूंजते रहे। मंदिर में स्थापित नादिया, टापर वाले स्वामी जी के निर्वाण स्थल पर भी भारी भीड़ रही इसके अलावा कपिल मुुनि आश्रम, कालेश्वर नाथ मंदिर कम्पिल के शिव मंदिरो पर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

प्रशासन के द्वारा भक्तों की भीड़ को देखते हुए पुलिस के जवान तैनात किए गए थे। तीर्थ नगरी कम्पिल मे सुबह से ही कंपिल मार्ग पर वाहन दौड़ते रहे। महाशिवरात्रि पर देवों के देव महादेव की श्रेष्ठता यही है कि वे मात्र भक्तों द्वारा जल अर्पित करने से ही प्रसन्न होकर मनचाहा वर प्रदान करते हैं।

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