तीन दिन में दो मासूमों की बोरवेल में गिरने से मौत

– दमोह जिले में बोरवेल के गड्ढे में गिरा तीन साल का बच्चा, सात घंटे चला रेस्क्यू, नहीं बच पाई जान

दमोह। मध्य प्रदेश में तीन दिन में दो मासूम बच्चो की बोरवेल के खुले गड्ढे में गिरने से मौत हो गई। रविवार को दमोह जिले के पटेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बरखेरा बेस में एक तीन वर्षीय बच्चा बोरवेल के खुले गड्ढे में गिर गया था। उसे बचाने के लिए सात घंटे रेस्क्यू चलाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। इससे पहले बीते गुरुवार को उमरिया जिले में ऐसी ही हादसा हुआ था और 17 घंटे चले रेस्क्यू के बाद चार वर्षीय बालका शव गड्ढे से निकाला गया था।
जानकारी के अनुसार, दमोह जिले के पटेरा थाना क्षेत्र के ग्राम बरखेरा बैस निवासी धर्मेंद्र अठया का तीन वर्षीय पुत्र प्रिंस अठ्या माता-पिता के साथ खेत गया था। इसी दौरान अपरान्ह करीब 12 बजे खेलते-खेलते वह खेत में लगभग 30 फीट खोदे गए बोरवेल के गड्ढे में गिर गया। बच्चे की मां ने उसे गिरते हुए देखा, तो तत्काल पति धर्मेंद्र को आवाज दी। उन्होंने दौड़कर बच्चे को निकालने का प्रयास किया।
सूचना मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने तुरंत प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया। कलेक्टर एसकृष्ण चैतन्य, एसपी डीआर तेनीवार समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। जेसीबी के माध्यम से बोरवेल के पास खुदाई प्रारंभ की गई।
सूचना मिलते ही मौके पर एसडीईआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई और बच्चे को बचाने के लिए रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया गया। बोरवेल से कुछ दूरी पर जेसीबी से गहरा गड्ढा खोदा गया। एसडीईआरएफ के जवान करीब सात घंटे जवान पूरी तत्परता से बचाव कार्य में जुटे रहे। इस दौरान कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य और पुलिस अधीक्षक डी. आर. तेनीवार घटना स्थल पर मौजूद रहे और राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेते रहे। अंततः शाम को करीब सात बजे रेस्क्यू दल ने बच्चे को गड्ढे से बाहर निकाला और तत्काल उसे तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पटेरा ले गए, जहां डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि इससे पहले उमरिया जिले में ऐसा ही हादसा हुआ था। बीते गुरुवार यानी 24 फरवरी को सुबह 11.00 बजे ग्राम बड़छड़ में चार वर्षीय मासूम गौरव दुबे 200 फीट गहरे बोरवेल को खुले गड्ढे में गिर गया था और 30 फीट पर जाकर फंस गया था। जिला प्रशासन, पुलिस और एनडीईआरएफ की टीम ने 17 घंटे राहत एवं बचाव कार्य करते हुए शुक्रवार को सुबह चार बजे बच्चे को गड्ढे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। चार दिन में प्रदेश में खुले बोरवेल से दो बच्चों की मौत हो गई।

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