संदिग्ध परिस्थितियों में महिला की मौत

झांसी में विवाहिता की मौत के बाद ससुराल वाले चोरी छिपे अंतिम संस्कार करने में सफल नहीं हुए। मृतक महिला के भाई का आरोप है कि अपनी बहन संध्या की मौत के बाद जब वो उसकी ससुराल पहुंचा तो उसका जेठ करीब 6 घंटे तक बाइक पर घुमाता रहा। ससुराल वाले रात को संस्कार कराने ले गए और भाई के बार-बार कहने के बावजूद भी बहन का मुंह नहीं दिखाया और बोले कि रस्म हैं कि मौत के बाद मायके वाले मुंह नहीं देखते। इसके बाद अन्य परिजन पहुंच गए और जबरन मुंह के ऊपर से कफन उठाया। परिजनों ने देखा कि गले में फंदे का निशान था। शक होने पर शरीर देखा तो कई चोट के निशान मिले। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
झांसी के शाहजहांपुर की रहने वाली संध्या दीक्षित (37) की शादी पत्नी मनोज कुमार से 20 साल पहले हुई थी। बरौदा निवासी उमाशंकर पटेरिया ने बताया कि बहन संध्या के बीमार होने की सूचना पर वह बुधवार सुबह शाहजहांपुर पहुंचा। बाहर बहन के जेठ ने मिलकर डॉक्टर को लेकर आने की बात कहते हुए उसे बाइक पर बिठा लिया और अपने साथ ले गया। करीब 6 घंटे तक वह बकुआं, समथर, बजीता समेत अन्य गांवों में उसे घुमाते रहे। शाम करीब 5 बजे बताया कि बहन को झांसी ले गए थे। वहां पर उसकी मौत हो गई।

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