दिल्ली एम्स की घोषणा : अस्पताल में भर्ती होने और सर्जरी से पहले अब नहीं कराना होगा कोरोना जाँच

दिल्ली : कोरोना के दूसरे फेज में पूरे देश ने बड़ा नुकसान झेला था। लेकिन देश में कोरोना की तीसरी लहर ना केवल अधिक जानलेवा साबित हुई और ना ही देश में हाहाकार ही मचा। दीगर बात है कि अब कोरोना की लहर बेहद कमजोर पड़ रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ, कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट देख रहे हैं। यही वजह है कि इसको लेकर अस्पतालों के नियम भी अब बदले जा रहे हैं। बेहद महत्वपूर्ण बात थी है कि अब अस्पताल में भर्ती होने से पहले, कोरोना जाँच अनिवार्य नहीं होगा।

एम्स दिल्ली ने अस्पताल में भर्ती होने और सर्जरी से पहले नियमित कोविड-19 परीक्षण बंद करने की घोषणा की है। इससे पहले अस्पताल में भर्ती होने से पहले कोरोना जाँच आनिवार्य था। निसन्देह अब देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगता दिखाई दे रहा है। भारत में पिछले एक दिन में कोविड-19 के 71,365 नए मामले सामने आने के बाद, देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ कर 4,24,10,976 हो गई।

वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घट कर 8,92,828 रह गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 से 1,217 अन्य लोगों की मौत के बाद, संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ कर 5,05,279 हो गई। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या घट कर 8,92,828 रह गई है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.11 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,02,063 की कमी दर्ज की गयी है। देश में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 96.70 प्रतिशत है।

इन तमाम आंकड़ों के साथ-साथ विशेषज्ञों ने यह पाया कि कोरोना के इस संक्रमण का रूप वायरल बुखार की तरह रहा जिसका उपचार मामूली तरीके से करने पर ही मरीज स्वस्थ होते गए। कोरोना का वर्तमान वायरस, किसी अन्य बीमारी में किसी भी तरह से नुकसानदेह साबित नहीं होगा। एम्स के इस फैसले का व्यापक असर, देश के विभिन्न प्रांतों की स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ेगी, जो सभी प्रदेशवासियों के लिए सुखद संदेश है।

RJ मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट 

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