यूपी में जेडीयू के भाजपा से गठबंधन नहीं होने के लिए आरसीपी जिम्मेदार : ललन सिंह

जेडीयू का भीतरी कलह आया सामने, ललन सिंह और आरसीपी सिंह बीच रार

मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : यूपी चुनाव का विगुल बज चुका है। यूपी में अगली सरकार किसकी बनेगी, उसके लिए यूपी का सियासी पारा बढ़ने से लेकर देश भर में कयासों का बाजार गर्म है। ऐसी परिस्थिति में, बिहार में राजनीतिक नूरा-कुश्ती ने एक अलग हलचल पैदा कर दी है। जेडीयू का भीतरी कलह अब खुल कर सामने आ गया है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय कैबिनेट मंत्री आरसीपी सिंह बीच ठनी रार ने बिहार के सियासी माहौल को बेहद गर्म कर दिया है।
यूपी में जेडीयू के भाजपा से गठबंधन नहीं होने के लिए लालन सिंह ने एक बयान के जरिये आरसीपी सिंह को जिम्मेदार ठहराया है।

भाजपा के साथ गठबंधन की उम्मीद लगाए बैठी जेडीयू को निराशा मिली है। इस निराशा के बाद जदयू के दो बड़े नेता खुल कर सामने आ गए हैं। समझौता नहीं होने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सीधे-सीधे केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह को जिम्मेदार ठहरा दिया है। ललन सिंह ने कहा है कि हमने आरसीपी की बातों पर भरोसा किया। लेकिन आरसीपी सिंह ने पार्टी को भ्रम में रखा।

ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह ने चार महीने पहले हम लोगों से कहा था कि यूपी चुनाव को लेकर उनकी गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के दूसरे बड़े नेताओं से बात हुई थी। इस जानकारी के बाद हमने उन्हें सीट शेयरिंग की जिम्मेदारी सौंप दी। ललन सिंह ने बताया कि आरसीपी सिंह ने कहा था भाजपा की तरफ से उम्मीदवारों की लिस्ट माँगी गई थी, जिसके बाद 30 उम्मीदवारों की सूची उन्हें दी गई थी। लेकिन इसके बाद कोई सकारत्मक उत्तर नहीं मिला। बीच में कई दौर की बात हुई। आरसीपी सिंह ने भी भरोसा दिया कि बात हो रही है लेकिन इधर समय निकलता जा रहा था।

ललन सिंह ने कहा कि एक तरफ आरसीपी साहब समझौते की बात करते थे, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली में प्रेस वार्ता में यह कह रहे थे कि यूपी में उनका गठबंधन सिर्फ अपना दल और संजय सहनी की पार्टी से ही है। यह हमारे लिए चौंकाने वाली बात थी। ललन सिंह ने आगे कहा कि इसके बाद भी आरसीपी सिंह समझौते की बात करते रहे। हम लोंगों ने आरसीपी सिंह को कहा कि अगर ऐसा है तो भाजपा को अधिकृत रूप से इसकी घोषणा करनी होगी। आरसीपी सिंह ने इस पर हामी भरी, हमने दो दिन तक इंतजार किया।

चूंकि समय निकल रहा था और आरसीपी सिंह, हम लोगों को सिर्फ उलझाए हुए थे। ऐसे में हमने और इंतजार करना जरुरी नहीं समझा और 26 सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। इस पूरे प्रकरण ने यह साफ कर दिया है कि आरसीपी सिंह की निकटता जहाँ बीजेपी से गहरी होती दिख रही है, वहीँ जेडीयू में उनका कद बेहद छोटा होता दिख रहा है। ललन सिंह ने जिस तरीके से आरसीपी सिंह को निशाने पर लिया है, वह यह बताने में सक्षम है कि सीएम नीतीश कुमार के लिए भी आरसीपी सिंह बहुत महत्वपूर्ण नहीं रह गए हैं। बिहार में आरसीपी सिंह के गुट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए, ललन सिंह ने अपना गुट तैयार कर लिया है। तमाम बातों पर गौर करें, तो आने वाले समय में जदयू बेहद कमजोर पार्टी के तौर पर नजर आएगी।

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