ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए परिवहन मंत्रालय ने जारी किए नये नियम

ए के दुबे
लखनऊ। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने ड्राईविंग लाइसेंस बनवाने के लिये नियमों में बदलाव किया। नए नियम के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदको को टेस्ट नहीं देना होगा। बल्कि आवेदकों के एक सर्टिफिकेट पर ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों को नए नियमों के बारे में जानना है जरूरी
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों को संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ दफ्तर) के चक्कर लगाने और लंबी कतारो मे लगने से छूटकारा मिलेगा। केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों को सरल बना दिया है। अब डीएल के लिए टेस्ट देने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने नए नियमों को लागू किया है। यह नियम लागू हो जायेगे।
मोटर ट्रेनिंग स्कूल जाकर ड्राइविंग की लेनी होगी ट्रेनिंग
अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। लोगों को ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग लेनी होगी। वहीं पर टेस्ट पास करना होगा। स्कूल फिर एक सर्टिफिकेट देगा। इसी के आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस बन जाएगा।
मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के नियम और शर्तों के साथ जारी गाइडलाइंस
1-अधिकृत एजेंसी सुनिश्चित करेगी की वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर्स के पास एक एकड़ जमीन हो, मध्यम और भारी वाहनों के लिए सेंटर्स के पास दो एकड़ जमीन होनी चाहिए।
2-ट्रेनर कम से कम 12वीं कक्षा उतीर्ण और पांच वर्ष का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए।
3-सरकार द्वारा एक पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए सिलेब्स की अवधि चार हफ्ते होगी। पाठ्यक्रम को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। जिसमें थ्योरी और प्रैक्टिल शामिल है।

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