नाबालिग बेटी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी पिता को उम्रकैद की सजा

नाबालिग बेटी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी पिता को पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने उम्रकैद के साथ-साथ 30 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है।

अभियोजन की ओर से तर्क प्रस्तुत करते हुए विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय और सुखेंद्र प्रताप सिंह का तर्क था कि इस मामले की रिपोर्ट थाना गुडंबा में पीड़िता ने स्वयं अपने पिता के विरुद्ध दर्ज कराई थी।

रिपोर्ट में कहा गया कि वह अपने पिता के साथ 10 वर्षों से खाली प्लॉट में झोपड़ी बनाकर रही है। पीड़िता का आरोप है कि वहीं पर उसके पिता लगभग सात वर्षों से उसके साथ गलत काम कर रहे हैं। पीड़िता ने अपनी मां, मौसी और नानी को बताया था। इसके बावजूद उसका पिता उसे मारपीट कर कहता था कि अगर किसी को बताया तो जान से मार दिया जाएगा।

कोर्ट में नाबालिग ने आरोप लगाया कि जब वह सीतापुर चली गई तो पिता ने उसे वहां से भी बुलवा लिया और उसे नींद की गोली खिलाकर जबरदस्ती दुराचार करता है। पीड़िता ने किसी तरह पिता के चंगुल से छूटकर 24 अप्रैल 2014 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

अदालत ने दुराचारी पिता को आजीवन कारावास से दंडित करते हुए कहा है कि जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर उसे दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने यह भी कहा है कि पीड़िता को हुए शारीरिक व मानसिक आघात के लिए प्रतिकर दिलाया जाना आवश्यक है। लिहाजा जुर्माने की सारी रकम पीड़िता को बतौर प्रतिकर अदा की जाएगी।

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