वैक्सीन प्रोग्राम – बच्चो का आयु वर्ग टीका करण करा सकती है सरकार

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

भारत ने 100 करोड़ कोविड वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड बना लिया। इस बीच देश में बच्चों के टीकाकरण को शुरू करने लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि दो साल से कम उम्र के बच्चों में इस्तेमाल में कोवॉक्सिन को मंजूरी मिलने में अभी कुछ वक्त लग सकता है। क्योंकि भारत में छोटे बच्चों के ये टीका चरणबद्ध तरीके से लगाए जाने के आसार हैं।

भारतीय दवा नियामक डीसीजीआई की विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों की सावधानी से जांच कर रहा है और कई पहलुओं का आकलन कर रहा है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा फिलहाल कई कारकों पर विचार किया जा रहा है। इसमें 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों पर टीके का प्रभाव और प्रदर्शन शामिल है।

इसके अलावा टीके की उपलब्धता भी एक बड़ा मसला बना हुआ है, जिसका आकलन भी हर स्तर पर किया जा रहा है। दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए दुनियाभर में यह पहला कोविड-19 टीका होगा। इसलिए इसकी मंजूरी मिलने से पहले आंकड़ों की सावधानीपूर्वक समीक्षा आवश्यक है। वहीं, भारत बायोटेक अपने टीके की आपूर्ति बढ़ाने में जोर दे रही है। बढ़ सकती है वैक्सीन की मांग

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, बच्चों की वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद इसकी शुरुआत चरणबद्ध तरीके से होने के आसार हैं। 2 से 17 वर्ष के उम्र के बच्चों को एक साथ टीका लगना शुरू होगा। इसमें भी वही कदम उठाए जाएंगे जो 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के वैक्सीन प्रोग्राम को शुरू करने के दौरान उठाए गए। पहले चरण में 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू किया जा सकता है। इसमें कमजोर बच्चे या जिन बच्चों को दूसरी बीमारी है, उनके लिए किसी भी उम्र वर्ग में होने के बावजूद प्राथमिकता दी जा सकती है।

जिससे बुजुर्गों और अन्य लोगों के लिए टीके का संकट हो सकता है। हालिया सीरो सर्वेक्षण के मुताबिक, देश में करीब 40 करोड़ बच्चों में से करीब 24 करोड़ में पहले ही एंटीबॉडी तैयार हो चुके हैं। सरकार को 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को पर्याप्त टीका लगाए जाने के बाद ही दूसरे आयु वर्ग के लिए टीके की शुरुआत करनी चाहिए। पहले 12-18 आयु वर्ग और उसके बाद 5-11 आयु वर्ग समूह का टीकाकरण करना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे दो से पांच वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को टीका लगाना चाहिए, जिससे टीका भी हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे।

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