पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक की अनदेखी भाजपा को पड़ रही भारी

– सड़क उद्घाटन में नहीं रही रौनक, स्थानीय बड़े नेताओं की उपेक्षा बनी वजह

संवाददाता

सिंगरौली। सीधी – सिंगरौली nh39 नेशनल हाइवे के फोरलेन भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के तमाम पदाधिकारी सहित विधायक एवं सांसद पहुंचे। देवसर बाजार में आयोजित इस कार्यक्रम को पार्टी ने व्यापक बनाने का प्रयास किया लेकिन अपेक्षा के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई। ज्यादा भीड़ भी नहीं जुटा पाए। कार्यक्रम में सांसद रीति पाठक सहित, सिंगरौली, देवसर, धौहनी, चितरंगी विधायक के साथ ही अन्य नेता एवं पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इसके बावजूद कार्यक्रम फीका रहा। माना जा रहा है कि स्थानीय बड़े नेताओं की अनदेखी की वजह से लोगों ने कार्यक्रम को लेकर ज्यादा रुचि नहीं दिखाई। कहा जा रहा है कि पूर्व विधायक एवं व्यापक जनाधार वाले नेता विश्वामित्र पाठक की अनदेखी की वजह से लोगों ने भूमि पूजन के इस कार्यक्रम में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

समझ आई विश्वामित्र की अहमियत

कार्यक्रम जिस तरह से फीका हुआ है उससे भाजपा नेताओं को पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक की अहमियत समझ आ गई है। वहीं भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं को भी श्री पाठक की अहमियत का अंदाजा लग गया है। श्री पाठक का व्यापक राजनीतिक पृष्ठभूमि है। यह बात साबित भी हो चुकी है। पिछले विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय वे 28 हजार से ज्यादा मत प्राप्त किए थे। जो भाजपा की कमर तोड़ के रख दिया था। विश्वामि़त्र की बगावत भाजपा को भारी पड़ी और कांग्रेस सिहावल विधानसभा क्षेत्र से जीतने में कामयाब रही।

कार्यक्रम में खेमेबाजी

सड़क के भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान भारतीय जनता पार्टी की खेमेबाजी खुलकर सामने आ गई। जहां सांसद की अलग खिचड़ी पकती नजर आ रही हैं वहीं संगठन के कुछ नेता अलग ही राग अलाप रहे हैं। जिसकी वजह से गुटबाजी बढ़ती जा रही है। इससे पार्टी का संसदीय क्षेत्र में नुकसान होगा साथ ही विधानसभा सीटों पर भी व्यापक असर पड़ने की संभावना है।

श्रेय लेने की मची होड़

जिस सड़क का भूमि पूजन करीब 10 वर्ष पहले हुआ था। इस सड़क के मरम्मत और निर्माण के नाम पर करोड़ खर्च हो गए और आज तक सड़क नहीं बन पाई। सड़क में फोरलेन निर्माण की स्वीकृति कराने का श्रेय लेने को लेकर पार्टी के जनप्रतिनिधियों में होड़ मची हुई है। जनप्रतिनिधिगण खुद को श्रेय देने में लगे हुए हैं। जबकि उनको सड़क बन जाने के बाद ही श्रेय की बात करनी चाहिए। क्षेत्र की जनता वेसे भी सड़क निर्माण समय पर न होने से परेशान व आक्रोशित है। रही बात श्रेय लेने की तो इस सड़क का भूमि पूजन सर्वप्रथम वर्ष 2012 में देवसर खेल मैदान में हुआ था। तब तत्कालीन विधायक विश्वामित्र पाठक के प्रयास से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुख्यअतिथि में सड़क का भूमिपूजन हुआ था।

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