पुलिस की पकड़ से दूर मनीष के हत्यारे, पत्नी बोली- मुझे रहम नहीं इंसाफ चाहिए

गोरखपुर में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या करने वाले इंस्पेक्टर समेत 6 पुलिस वाले अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इससे पीड़ित परिवार आहत है। गुरुवार को मनीष की पत्नी मीनाक्षी के घर उनकी नौकरी का नियुक्ति पत्र पहुंचा।

पत्र पहुंचते ही उनकी आंखों से आंसू छलक उठे। उन्होंने कहा, मुझे नौकरी नहीं, पहले मेरे पति के हत्यारे पुलिस वालों की गिरफ्तारी चाहिए। वह जेल के भीतर जाएंगे तभी मेरे कलेजे को ठंडक मिलेगी। बड़ी बेरहमी से मेरे पति की हत्या की है। तड़पा-तड़पा कर मेरे बेगुनाह पति को मारा है। गिरफ्तारी होने पर ही मुझे और मेरे चार साल के बेटे को इंसाफ मिले सकेगा।

नौकरी परिवार की जरूरत, लेकिन हत्यारों को सजा दिलाना मेरी प्राथमिकता

मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी की केडीए में ओएसडी पद की नौकरी के लिए शासन की हरी झंडी मिल गई है। शासन ने नौकरी की स्वीकृति देने के साथ ही गुरुवार को उनके घर पर नियुक्ति का लेटर भेज दिया है। जल्द ही कागजी कार्यवाही पूरी कराने के बाद उन्ही कानपुर केडीए में ओएसडी की नौकरी मिल जाएगी।

लेकिन मीनाक्षी का कहना है कि उनके और परिवार के भरण-पोषण के लिए नौकरी भले ही उनकी जरूरत है, लेकिन उनकी प्राथमिकता पति मनीष गुप्ता के हत्यारे इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, दरोगा अक्षय मिश्रा, विजय मिश्रा, दरोगा राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव और कांस्टेबल प्रशांत कुमार हत्यारे को जेल भिजवाने के साथ कड़ी सजा दिलाना है। जब तक पुलिस वालों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती वह सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर अपना संघर्ष जारी रखेंगी।

एसआईटी के साथ गए परिजन गोरखपुर से लौटे

एसआईटी के साथ मनीष के ममेरे भाई आशीष और बहनोई रोहित गुप्ता भी गए थे। पांच दिनों तक वह टीम के साथ रहकर पूरी तफ्तीश में शामिल रहे। गुरूवार को वह पुलिस के साथ शहर लौटे। पुलिस ने लिखापढ़ी कर दोनों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया। आशीष व रोहित का कहना है कि वह एसआईटी की जांच से संतुष्ट हैं। एक-एक पहलू पर गहनता से अफसर जांच कर रहे हैं। उम्मीद है कि हत्यारोपी पुलिस वालों को कड़ी सजा मिलेगी।

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