मृत युवक पर धोखाधड़ी व मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करने पर उरई कोतवाल व दीवान लाइन हाज़िर

उरई के मोहल्ला राजेंद्र नगर में शुक्रवार की रात को सागर गुप्ता पुत्र राजेन्द्र गुप्ता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। शनिवार को पुलिस ने पंचनामा भर उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। बाद में उसके खिलाफ पत्नी पूजा की तहरीर पर मारपीट व धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।

सागर ने पूजा के साथ प्रेम विवाह किया था पर पत्नी का आरोप है कि सागर उसके साथ मारपीट करता था। जबकि मृतक के परिजनों व मित्रों के अनुसार लड़की के घर वाले कई दिनों से मृतक सागर के साथ मारपीट व पुलिस का सहारा लेकर शादी तुड़वाने को लेकर दबाव डाल रहे थे, जिसकी शिकायत मृतक सागर ने पुलिस से भी की थी मगर कोई सुनवाई नहीं हुई जिससे आखिर में तंग आकर सागर ने आत्महत्या कर ली, और इस पूरे मामले में पुलिस की चूक यह हो गई कि जो व्यक्ति मर चुका था उसके खिलाफ मुकदमा कैसे दर्ज कर लिया गया।

कोतवाल विनोद कुमार पांडेय का कहना था कि तहरीर मिली थी जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उरई कोतवाल व एक दीवान को देर रात लाइन हाजिर कर दिया और अब मामले की पुनः जांच के आदेश किए हैं यहां सबसे बड़ा सवाल यही है कि जो व्यक्ति जिंदा नहीं था उसके खिलाफ कैसे मुकदमा दर्ज कर लिया गया ?

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