पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा नही होगी तो सदन कैसे चलेगा – कांग्रेस

पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बाधित होने पर संसद में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद में काम नहीं हो पा रहा है, क्योंकि सरकार पार्टियों की जायज मांगों से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा, “पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री या गृहमंत्री की मौजूदगी में पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा करने और घोटाले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की घोषणा करने मांग पर एकजुट है।

सदन में विपक्ष के नेता  खड़गे ने आरोप लगाया कि नियम 267 के तहत विपक्ष के नोटिस की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने नोटिस दिया है कि “सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल और दिन के अन्य कार्यो से संबंधित प्रासंगिक नियमों को फिलहाल निलंबित किया जाए, ताकि पेगासस जासूसी और निगरानी घोटाले पर प्रधानमंत्री या गृहमंत्री की उपस्थिति में चर्चा की जा सके। इसने हमारे लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों को कमजोर किया है, इसलिए इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में तत्काल जांच की घोषणा की जाए।”

सोमवार को, विपक्ष ने सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करने के लिए मजबूर किया। पहले दोपहर 12 बजे तक, फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई और फिर कई स्थगनों के बाद, दिनभर के लिए।

राज्यसभा में भी विपक्ष ने नारेबाजी की और तख्तियां लिए हुए सदन के वेल में चले गए। उन्होंने जासूसी के मुद्दे पर चर्चा की मांग की, जिसे सभापति ने अनुमति नहीं दी।उपसभापति ने प्रश्नकाल के दौरान सदन को चलाने का प्रयास किया। कुछ सवाल पूछे गए, लेकिन शोरगुल के कारण जवाब नहीं सुना जा सका, जिसके बाद सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

इससे पहले, सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि टी.शिवा, ई.करीम और मल्लिकार्जुन खड़गे के नोटिस मंजूर नहीं किए गए, जिस कारण सदन में हंगामा हुआ। अध्यक्ष को कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदन नेताओं ने पेगासस जासूसी मुद्दे पर रणनीति तैयार करने के लिए  विपक्ष के नेता खड़गे के कक्ष में बैठक की और संयुक्त रूप से अपनी मांगों पर जोर देने का फैसला किया।

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