कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से प्राइमरी स्कूल में तैनात दो बच्चो के माता-पिता की हुई मौत, बच्चे हुए अनाथ

आर जे न्यूज़-

कोरोना संक्रमण की महामारी के बीच एक के बाद एक मन को झकझोर देने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। इस महामारी ने कई परिवारों की खुशियां छीन ली। किसी के बेटे को छीना तो किसी के सिर से मां-बाप का साया उठ गया। आगरा के बाह क्षेत्र में ऐसा ही दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है।

कोरोना से संक्रमित गुही (बाह) के प्राइमरी स्कूल में तैनात शिक्षामित्र टिंकी भदौरिया (40) की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। शुक्रवार की रात उनके पति हरविंद सिंह भदौरिया (42) की भी सांसें थम गईं। संक्रमण की चपेट में आने के बाद उन्हें आगरा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोरोना के कारण चार दिन के भीतर माता-पिता का साया छिनने से उनके दोनों बेटे विदित (15) और विराट (12) अनाथ हो गए।

परिवार में मातम पसरा है। दंपती की मौत से गुही गांव शनिवार को शोक में डूबा रहा। शनिवार को किसी घर में चूल्हे तक नहीं जले। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र छौंकर ने पीड़ित परिवार को सरकार से 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और बेटों की पढ़ाई के साथ 10 हजार रुपये महीना पेंशन की मांग की है।

कोरोना संक्रमित हो चुके व्यक्ति ने तोड़ा दम:-
बरहन क्षेत्र के गांव नगला बरी में कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की निगेटिव रिपोर्ट आने के तीन दिन बाद शुक्रवार देर रात उसकी मौत हो गई। नगला बरी निवासी नवीन कुमार ने बताया कि उसके भाई प्रवीन कुमार (40) दो मई को बुखार आने पर कुरगवां स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर दवा लेने गए थे।

वहां डॉक्टर ने रक्त की जांच कराई जिसमें उसे टाइफाइड होने की रिपोर्ट मिली। उपचार के दौरान लाभ न मिलने पर परिवारीजन प्रवीन को आगरा के प्रभा अस्पताल ले गए जहां जांच में वह संक्रमित पाया गया। एक सप्ताह कोरोना के उपचार के बाद 12 मई को उसकी रिपार्ट निगेटिव आ गई। फिर भी गले में बलगम जमने की दिक्कत बनी रही।

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